

पटना के गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच बेऊर जेल तक पहुंची। पुलिस छापेमारी में मोबाइल और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। तीन कक्षपाल निलंबित कर दिया गया है।
बेऊर जेल (सोर्स-गूगल)
Patna: पटना के चर्चित बिजनेसमैन गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी अब बेऊर जेल की दीवारों तक पहुंच चुकी है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में जांच ने नया मोड़ लिया है, जहां शनिवार को पुलिस और जिला प्रशासन ने बेऊर जेल में छापेमारी की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड और कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जिसने जेल प्रशासन में खलबली मचा दी। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि हत्या की साजिश के तार कुख्यात गैंगस्टर अजय वर्मा से जुड़े हो सकते हैं, जो बेऊर जेल में बंद है।
तीन कक्षपालों पर कार्रवाई
वहीं छापेमारी के बाद जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आई, जिसके चलते तीन कक्षपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही, जेल के सहायक अधीक्षक नीरज कुमार और उपाधीक्षक अजय कुमार को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। उनसे जवाब मांगा गया है कि जेल में प्रतिबंधित सामग्री कैसे पहुंची। पुलिस को शक है कि जेल के भीतर से ही हत्या की साजिश रची गई। बरामद मोबाइल फोन और अन्य सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, ताकि साजिश के और सुराग मिल सकें।
हत्याकांड के बात मची सनसनी
गोपाल खेमका की हत्या पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में गोली मारकर की गई थी। इस घटना ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी। पुलिस का कहना है कि जांच हर एंगल से की जा रही है और जल्द ही इस साजिश का पर्दाफाश होगा। बेऊर जेल में मिली सामग्री ने इस केस को और जटिल बना दिया है। क्या जेल की दीवारें अपराधियों का नया अड्डा बन रही हैं? यह सवाल अब सबके जेहन में है।
पेशेवर शूटर ने की हत्या
दूसरी तरफ, पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोपाल खेमका की हत्या एक पेशेवर शूटर ने की, जिसने बेहद सटीकता के साथ गोली चलाई। खेमका अपनी गाड़ी में सवार थे और शीशा बंद होने के बावजूद शूटर ने बाहर से ही उनके सिर में गोली मार दी। यह निशानेबाजी इस बात का सबूत है कि हत्यारा कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि प्रशिक्षित और अनुभवी शूटर था। जांच में यह भी पता चला कि शूटर अकेले ही वारदात को अंजाम देने के लिए घटनास्थल पर मौजूद था और संभवतः उसने काफी देर तक खेमका के आने का इंतजार किया। पुलिस को शक है कि शूटर ने खेमका के घर के आसपास छिपकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी होगी।
पटना पुलिस ने गांधी मैदान के आसपास लगे 36 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला है। फुटेज में शूटर को घटनास्थल के पास टहलते हुए देखा गया, जो खेमका के पहुंचने का इंतजार कर रहा था। हत्या के बाद वह स्कूटी पर सवार होकर जेपी गोलंबर की ओर भागा और फिर गंगा पथ की दिशा में जाता दिखा। उसका अंतिम लोकेशन हाजीपुर में मिला, जिसके बाद वह सीसीटीवी की नजर से गायब हो गया। इस आधार पर पुलिस को शक है कि शूटर उत्तर बिहार के किसी जिले का हो सकता है या उसने जानबूझकर पुलिस को गुमराह करने के लिए यह रास्ता चुना।