Patna News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और सामाजिक कल्याणकारी कदम उठाते हुए राज्य में सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की घोषणा की है। इस आयोग का उद्देश्य सफाई कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, कल्याण, पुनर्वास, सामाजिक उत्थान और शिकायतों के समाधान को सुनिश्चित करना होगा।
अधिकारों की सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा कि यह आयोग सफाई कर्मियों के हितों से संबंधित सुझाव देगा और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार को मार्गदर्शन देगा। साथ ही यह सफाई कार्यों से जुड़े कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेगा और उन्हें लागू करवाने में मदद करेगा। इस आयोग के माध्यम से उन वंचित वर्गों तक सरकार की योजनाएं सीधे पहुंच सकेंगी जो अब तक नजरअंदाज रहे हैं।
आयोग में ट्रांसजेंडर को भी मिलेगा स्थान
सीएम नीतीश कुमार ने आयोग की संरचना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें कुल 7 सदस्य होंगे- एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच अन्य सदस्य। खास बात यह है कि इनमें कम से कम एक महिला या ट्रांसजेंडर को जरूर शामिल किया जाएगा। यह कदम आयोग को समावेशी और समानता-आधारित दृष्टिकोण से काम करने वाला बनाएगा।
मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में बड़ा प्रयास
यह आयोग सफाई कर्मियों को मुख्यधारा में लाने, उनके सामाजिक सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और आर्थिक विकास को गति देने का कार्य करेगा। सरकार का उद्देश्य है कि इस समाज के सबसे ज्यादा उपेक्षित वर्गों को सशक्त बनाया जाए और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
अब सफाई कर्मियों को बड़ी राहत
यह घोषणा उस समय आई है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में पत्रकारों के लिए पेंशन योजना का ऐलान किया था। इस नई घोषणा को भी राज्य सरकार की संवेदनशीलता और कल्याणकारी दृष्टिकोण से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम का यह प्रयास सामाजिक संतुलन और समानता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
नीति और क्रियान्वयन के बीच सेतु बनेगा आयोग
यह आयोग सिर्फ सलाह देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग, फील्ड निरीक्षण और समय-समय पर रिपोर्टिंग के ज़रिए प्रशासन और लाभार्थियों के बीच एक सक्रिय सेतु की भूमिका निभाएगा। इससे योजनाएं ज़मीनी स्तर तक प्रभावी रूप से पहुंच सकेंगी।