कोचिंग के लिए निकले मासूम, देर रात तक नहीं लौटे घर, लावारिस कार में मिला दोनों का शव

पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में शुक्रवार शाम दो मासूम बच्चों के शव एक लावारिस कार से मिलने के बाद सनसनी फैल गई। मृतक भाई-बहन कोचिंग के लिए निकले थे लेकिन वापस नहीं लौटे। परिजन शिक्षिका पर संदेह जता रहे हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हत्या या दम घुटने सहित सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 16 August 2025, 9:07 AM IST
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Patna: बिहार की राजधानी पटना में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की शाम एक दर्दनाक घटना सामने आई। पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी रोड नंबर 12 में खड़ी एक लावारिस कार से दो मासूम बच्चों के शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मृतकों की पहचान एक ही परिवार के भाई-बहन के रूप में हुई है, जिनकी उम्र करीब 5 और 10 साल के बीच बताई जा रही है।

कई दिनों से इलाके में खड़ी थी कार

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह कार काफी दिनों से इलाके में खड़ी थी, लेकिन किसी ने उस पर विशेष ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार की शाम अचानक कुछ बच्चों ने गाड़ी के अंदर झांककर देखा तो उन्हें दो बच्चों के शव दिखाई दिए। उन्होंने तुरंत बड़ों को सूचना दी और पुलिस को बुलाया गया। पाटलिपुत्र थाना की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

कोचिंग के लिए घर से निकले थे बच्चे

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों बच्चे घर से कोचिंग के लिए निकले थे, लेकिन देर रात तक जब वे घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। बच्चों के पिता ने बताया कि वे एक महिला शिक्षिका के घर पढ़ने जाते थे। जब काफी समय तक दोनों बच्चे वापस नहीं आए तो परिजनों ने शिक्षिका से फोन पर संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि बच्चे पढ़ाई के बाद घर जा चुके हैं। परिजनों ने शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उन्हें शक है कि उसी शिक्षिका ने उनके बच्चों के साथ कुछ अनहोनी की है। पुलिस ने इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है।

मौत का कारण स्पष्ट नहीं

घटनास्थल पर पहुंचे एएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) मोहम्मद हबीबुल्लाह ने बताया कि शव कार की बीच वाली सीट पर पाए गए। उन्होंने कहा, "मौत के कारण का अभी स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। बच्चों के शरीर पर कुछ चोट के निशान हैं, इसलिए हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।"

पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर फॉरेंसिक टीम को बुलाया, जिसने गाड़ी की जांच कर साक्ष्य एकत्र किए। पास की दुकानों और घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि बच्चों ने गाड़ी में प्रवेश कैसे किया या उन्हें किसी ने वहां डाला।

इलाके में दहशत का माहौल

स्थानीय निवासियों का कहना है कि गाड़ी लंबे समय से खड़ी थी लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि उसमें ऐसा कुछ हो सकता है। घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत और शोक का माहौल है। बच्चे जिस परिवार से थे, वहां मातम पसरा हुआ है और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं। पटना पुलिस ने कहा है कि हर एंगल से जांच की जा रही है, चाहे वह दुर्घटनावश दम घुटने का मामला हो, हत्या हो या किसी अन्य साजिश का हिस्सा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अगली कार्रवाई करेगी। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा दी जाए।

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