

बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा देने वाली एक बड़ी खबर सामने आयी है। राज्य की आर्थिक अपराध इकाई ने रविवार को बिहार के सीमावर्ती सुपौल जिले के करजाइन थाना क्षेत्र स्थित गोसपुर गांव में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के एक नेता को गिरफ्तार किया है। उसके खाते में 7 करोड़ रुपए की रकम मिली है।
बिहार में ईओयू की बड़ी कार्रवाई
पटना: बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा देने वाली एक बड़ी खबर सामने आयी है। राज्य की आर्थिक अपराध इकाई ने रविवार को बिहार के सीमावर्ती सुपौल जिले के करजाइन थाना क्षेत्र स्थित गोसपुर गांव में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के एक नेता को गिरफ्तार किया है। उसके खाते में 7 करोड़ रुपए की रकम मिली है।
आरोपी नेता की पहचान हर्षित मिश्रा के रूप में हुई है। जो युवा जदयू का प्रदेश पदाधिकारी है। वह किसान परिवार से है। वह बीते कुछ वर्षों से खुद को शेयर बाजार का सफल कारोबारी बताता था।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई करोड़ों की ठगी और साइबर अपराध से जुड़ा है। हालांकि, इसको लेकर अधिकारी खुल कर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
जदयू की सदस्यता लेते हुए आरोपी नेता
अकाउंट में आये थे 7 करोड़ रुपए
8 स्कॉर्पियो से करीब 25 से 30 की संख्या में आई अधिकारियों की टीम ने शनिवार को दोपहर 2 बजे छापेमारी शुरू की। करीब 19 घंटे तक चली कार्रवाई में हर्षित के घर से दर्जनों सिम लगाने वाला गैजेट, सैकड़ों सिम कार्ड, दर्जनों मोबाइल, लैपटॉप, बायोमेट्रिक डिवाइस, नोट गिनने की मशीन समेत कई सामान जब्त किए गए।
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हर्षित के पास से वह मोबाइल और लैपटॉप भी मिला, जो उस बैंक खाते से जुड़ा था, जिसमें 7 करोड़ रुपये जमा थे। यह खाता पहले ही साइबर पुलिस ने फ्रीज कर दिया था। इसी आधार पर टीम ने कार्रवाई की है।
इस कार्रवाई में ईओयू पटना की टीम के करीब तीन दर्जन सदस्य, सुपौल एसपी और साइबर थाना के अधिकारी शामिल थे। कार्रवाई के दौरान ईओयू और स्थानीय पुलिस ने मीडिया से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। पूछताछ और कागजी प्रक्रिया के बाद हर्षित को पटना ले जाया गया।
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ग्रामीणों ने बताया कि हर्षित पहले स्कॉर्पियो गाड़ी पर भाजपा का झंडा और दो बाउंसर लेकर घूमता था। लोग मानते रहे कि वह शेयर बाजार से कमाई कर रहा है। कुछ समय पहले उसने सरकार से बॉडीगार्ड की मांग भी की थी। हालांकि जांच में उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। पहले वह भाजपा कार्यकर्ता था। लेकिन तीन महीने पहले जदयू में शामिल हुआ।
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कथित तौर पर बड़े नेताओं से नजदीकी के चलते उसे जदयू युवा मोर्चा का प्रदेश सचिव बना दिया गया। कार्रवाई के बाद गांव में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। गांव में सन्नाटा है।
हर्षित के पिता विकास मिश्र ने बताया कि उनका पुत्र करीब तीन-चार वर्षों से गांव में रहता है। गांव में रहकर वह रियल स्टेट का कारोबार एवं राजनीति करता था। कुछ दिनों पूर्व ही वह युवा जदयू का प्रदेश सचिव बना है। मेरे पुत्र को राजनीति के तहत फंसाया गया है।