मुख्तार अंसारी को न्यायालय से राहत नहीं

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के उद्देश्य से पैरोल पर रिहा करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्वाचन आयोग (ईसी) की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया है। आयोग ने अंसारी को निचली अदालत से चुनाव प्रचार के लिए चार मार्च तक मिली जमानत के फैसले को चुनौती दी थी।

Updated : 27 February 2017, 4:05 PM IST
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के उद्देश्य से पैरोल पर रिहा करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्वाचन आयोग (ईसी) की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया है। आयोग ने अंसारी को निचली अदालत से चुनाव प्रचार के लिए चार मार्च तक मिली जमानत के फैसले को चुनौती दी थी।

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अंसारी को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मऊ सदर विधानसभा सीट से टिकट दिया है।

निर्वाचन आयोग की याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने 17 फरवरी को अंसारी को मिला पैरोल स्थगित कर दिया था। आयोग ने अंसारी के बाहर आने पर 2005 के एक हत्या के मामले में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका जताई थी।

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दिल्ली की एक विशेष अदालत ने इससे पहले अंसारी को भाजपा सांसद कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में जमानत दे दी थी। (आईएएनएस)

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