देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल "एम्स" में आधार नही है अनिवार्य
भारत सरकार ने साफ किया है कि एम्स में मरीजों के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य करने पर कोई निर्णय नहीं किया है।
नई दिल्ली: भारत सरकार ने नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य करने पर कोई निर्णय नहीं किया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सी के मिश्रा ने संवाददाताओं केपूछे जाने पर कि क्या एम्स में मरीज को भर्ती करने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है, मिश्रा ने कहा, ‘‘नहीं, कोई निर्णय नहीं किया गया है।’’
एम्स ने हाल ही में घोषणा की थी कि जो मरीज आधार कार्ड उपलब्ध कराते हैं उनका पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बगैर उन्हें 100 रपये का भुगतान करना पड़ेगा जो कि मौजूदा शुल्क का दस गुना है।
वर्तमान में पंजीकरण के लिए एक मरीज को 100 रपये का भुगतान करना पड़ता है जिसके बाद एक विशेष स्वास्थ्य पहचान यूएचआईडी नंबर उसे दिया जाता है।
एम्स स्वास्थ्य मंत्रालय से आधार संख्या को यूएचआईडी नंबर से जोड़ने की अनिवार्यता संबंधी एक अधिसूचना जारी करने का अनुरोध पहले ही कर चुका है।