Video: देवउठनी एकादशी पर रुद्रप्रयाग में उमड़ी आस्था, संगम तट पर गूंजे ढोल-नगाड़े

रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में देवउठनी एकादशी के अवसर पर भगवान नारायण का गंगा संगम पर स्नान कराया गया। इसके साथ ही देव निशानों और पांडव अस्त्र-शस्त्रों की पूजा-अर्चना के बाद पारंपरिक पांडव नृत्य का शुभारंभ हुआ, जो अब दो से तीन माह तक चलेगा।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 3 November 2025, 11:58 AM IST

Rudraprayag: जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से सटी ग्राम पंचायत दरमोला में देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर धार्मिक परंपराओं और लोक आस्थाओं का अनुपम संगम देखने को मिला। अलकनंदा और मंदाकिनी के पवित्र संगम तट पर भगवान नारायण के स्वयं स्नान करने की प्राचीन मान्यता आज भी जीवंत है। इसी परंपरा के तहत देव निशानों और पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों का स्नान कराया गया, जिसके बाद पांडव नृत्य का शुभारंभ हुआ।

एकादशी की पूर्व संध्या पर दरमोला, तरवाड़ी और स्वीली-सेम गांवों के ग्रामीण पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल, नगाड़े और रणसिंघे के साथ संगम तट पहुंचे। यहां भक्ति और उल्लास का वातावरण छा गया। देव निशानों के गंगा स्नान के बाद पूरी रात भक्ति जागरण चला। पुजारियों ने देवताओं की चार पहर की पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए।

भोर में विशेष हवन, आरती और तिलक संस्कार के साथ देव निशानों को फूलों की मालाओं और श्रृंगार सामग्री से सजाया गया। देवउठनी एकादशी का यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक बना, बल्कि उत्तराखंड की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर करता रहा।

Location : 
  • Dehradun

Published : 
  • 3 November 2025, 11:58 AM IST