Dehradun: उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। यह कदम युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
बैठक में उठाए गए अहम मुद्दे
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में इस योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिकारियों से कहा गया कि कोचिंग की गुणवत्ता बेहतर हो और छात्रों का चयन स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए।
कोचिंग की विशेषताएं और समयसीमा
निदेशक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि इस वर्ष 10,000 छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। 11वीं कक्षा के छात्रों को 2 वर्ष और 12वीं पास छात्रों को 1 वर्ष की कोचिंग मिलेगी।
उत्तराखंड राज्य स्थापना की तैयारियां जोरों पर, 1 से 9 नवम्बर तक मनाया जाएगा स्थापना सप्ताह
तीन प्रमुख स्ट्रीम के लिए कोचिंग
कोचिंग आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के लिए दी जाएगी। इसके अलावा, मेधावी छात्रों को 6 वर्ष तक की एडवांस कोचिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे छात्रों को उनकी पसंदीदा परीक्षा के लिए बेहतर तैयार करने का अवसर मिलेगा।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और परिणाम
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि योजना में किसी भी प्रकार की खानापूर्ति न हो। उन्होंने कहा कि इस योजना का परिणाम सकारात्मक होना चाहिए और छात्रों को बेहतर नतीजे मिलने चाहिए।
कर्जारहित राज्य और मालामाल CM: उत्तराखंड सरकार के विज्ञापन खर्च पर सवाल, करोड़ों रुपये का दुरुपयोग!
कार्यक्रम की जल्द शुरुआत
इस योजना के तहत कोचिंग कार्यक्रम बहुत जल्द शुरू होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
कार्यक्रम में शामिल हुए अधिकारी
इस बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को साझा किया।