

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के महिला एवं युवा मंगल दलों को एक बड़ी सौगात दी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के महिला एवं युवा मंगल दलों को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने इन दलों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में 1000 रुपये की वृद्धि की घोषणा की है। अब प्रत्येक महिला और युवा मंगल दल को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को "मुख्यसेवक संवाद" कार्यक्रम के अंतर्गत की, जहां उन्होंने राज्य भर के महिला और युवक मंगल दलों के सदस्यों से सीधा संवाद किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के सभी जिलों से बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान दलों के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने विचार साझा किए और अपने अनुभवों को भी सामने रखा। मुख्यमंत्री ने भी दलों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें राज्य के विकास में एक अहम कड़ी बताया। उन्होंने कहा कि महिला एवं युवा मंगल दल न केवल गांवों और कस्बों में सामाजिक एकता बनाए रखते हैं, बल्कि विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी ने यह भी घोषणा की कि राज्य स्तर पर एक पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिससे महिला और युवक मंगल दल आपस में जुड़ सकें। इस पोर्टल के माध्यम से दलों की गतिविधियों की जानकारी साझा की जा सकेगी, जिससे आपसी समन्वय और प्रेरणा को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम युवाओं और महिलाओं को एक डिजिटल मंच प्रदान करेगा, जिससे वे अपने अनुभव, योजनाएं और सफलताएं एक-दूसरे के साथ साझा कर सकें।
सीएम धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री "सीएम होमस्टे योजना" और "स्टार्टअप संवाद" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार और नवाचार की दिशा में प्रोत्साहित कर चुके हैं। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त करना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मुख्यमंत्री की यह पहल राज्य में सामाजिक संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिससे गांव और शहरों में जागरूकता, सहयोग और विकास को नई दिशा मिलेगी।