शाश्वत गर्ग, एक देहरादून स्थित बिल्डर ने निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगकर विदेश भागने की योजना बनाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग की जांच शुरू कर दी है, जबकि पुलिस भी शाश्वत और उसके परिवार के खिलाफ मामले की जांच कर रही है।

ईडी ने शुरू की मनी लांड्रिंग की जांच (Img- Google)
Dehradun: निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगकर फरार बिल्डर शाश्वत गर्ग पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी को प्राथमिक जांच में संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और निवेशकों के पैसों को विभिन्न फर्जी कंपनियों, बेनामी खातों और अचल संपत्तियों में निवेश किए जाने के संकेत मिले हैं। ईडी अब मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
शाश्वत गर्ग और उनके परिवार के खिलाफ देहरादून पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई पहले से जांच कर रही है। पुलिस ने तीन दिन पहले ही लुकआउट सर्कुलर जारी किया था और आरोपितों के पासपोर्ट पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं। ईडी अब शाश्वत गर्ग और उसके रिश्तेदारों के विदेशों में संभावित निवेश के मामलों की भी जांच करेगी।
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उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) में शाश्वत गर्ग के खिलाफ शिकायतों की संख्या बढ़ गई है। अब तक छह शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें निवेशकों ने आर्केडिया हिलाक्स और इंपीरियल वैली परियोजना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
रेरा के अध्यक्ष अमिताभ मैत्रा के अनुसार, इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट पर पहले ही रोक लगा दी गई थी। अब इन शिकायतों में विकास ठाकुर को भी आरोपी बनाया जाएगा, जो इस धोखाधड़ी में शाश्वत गर्ग के साथ शामिल था।
शाश्वत गर्ग (Img- Google)
शाश्वत गर्ग, उनकी पत्नी साक्षी गर्ग और परिवार के अन्य सदस्य 17 अक्टूबर से गायब हैं। अंतिम बार उन्हें सुलभ गोयल के घर पर देखा गया था, जो शाश्वत के साले हैं। पुलिस को इस बात का संदेह है कि गर्ग परिवार नेपाल भागने की योजना बना रहा था, इसीलिए पासपोर्ट पर रोक भी लगाई गई थी।
आर्केडिया हिलाक्स प्रोजेक्ट में 21 फ्लैट्स की गड़बड़ी की शिकायतों पर पुलिस ने शाश्वत और उसके दो साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके अलावा, रानीपोखरी थाने में भी मामले की जांच चल रही है। पुलिस ने शाश्वत और उसके परिवार के विदेश जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
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ईडी की जांच इस बात पर केंद्रित है कि शाश्वत गर्ग ने जो पैसे निवेशकों से एकत्र किए, उन्हें किन-किन फर्जी कंपनियों, खातों और संपत्तियों में स्थानांतरित किया। यह जांच अगले कुछ दिनों में और तेजी पकड़ सकती है और शाश्वत और उसके परिवार की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की हो सकती है।