

रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी और अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जानिए डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर
रुद्रप्रयाग में नदियां उफान पर
रुद्रप्रयाग: जनपद में बहने वाली मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर उफान पर है। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नमामि गगें के सभी घाट पानी में डूब गए हैं। इसके साथ शिवजी की मूर्ति के गले तक पानी पहुंच गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता संगम के सभी घाट लबालब पानी से भर गए हैं। संगम स्थल की सभी सीढ़ियां पानी में डूबी हैं। वहीं अलकनंदा के किनारे बनी शिव की मूर्ति पानी में डूबी है।
जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग में पहाड़ी क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश से एक बार फिर से नदियों का जलस्तर बढा है। बता दें कि जिस प्रकार से बरसात में नदी -नाले उफान पर रहते थें वो अभी नहीं दिखाई दे रहे हैं क्योंकि रूद्रप्रयाग जैसे क्षेत्र में तो बारिश नहीं हो रही हैं। उमश भरी गर्मी पड़ रही है। लेकिन मदाकिनी अैर अलकनंदा का जलस्तर देखकर तो ऐसा लग रहा हैं कि बद्रनाथ और केदारनाथ जैसे हिमालयी क्षेत्र में जबरदस्त बारिश हो रही हैं जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे पूरा नदी का पानी मटमैला हो गया है। और नदियों में उफान चल रहा है। तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस प्रकार से पानी बढा हुआ है।
शिव की मूर्ति नदी में डूबी
नमामि गगें के सभी घाट पानी में डूबने के कारण नदी किनारे दाह संस्कार करने के लिए कहीं पर भी जगह नहीं दिखाई दे रही है। रूद्रप्रयाग में बारिश न हाने के कारण गर्मी से लोग परेशान है। तो वहीं चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु भी अब संगम पर स्नान नहीं कर पायेगें। क्योंकि नदियों का जलस्तर दोनों नदियों का बराबर हो गया है।
घाटों पर पहुंचा पानी
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी का संगम हैं और भगवान रुद्रनाथ का मंदिर होने के कारण इस स्थान का रुद्रप्रयाग पड़ा है. भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री संगम के दर्शन करने को जरूर पहुंचते हैं।
माना जाता है कि जो इस स्थान के दर्शन करता है, उसकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. केदारनाथ से मंदाकिनी निकलती है तो बदरीनाथ से अलकनंदा नदी आती है, जहां मंदाकिनी नदी का प्रवाह तेज रहता है तो अलकनंदा शांत और निर्मल रहती है.दोनों नदियों के संगम के दीदार को श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। रुद्रप्रयाग जिले का संगम स्थल पंच प्रयागों में विशेष महत्व रखता है