

भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय उत्तराखंड भ्रमण पर हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिवार संग की गंगा आरती
देहरादून: भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद संग ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। इस दौरान वे गंगा आरती में भी शामिल हुए। इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी कई वर्षो से इच्छा थी कि मैं इस गंगा आरती में सम्मिलित हो सकूं। कोरोना के कारण भी कार्यक्रम टलते गए। लेकिन आज मुझे प्रसन्नता है कि जो मेरा अधूरा कार्य था वो पूरा हो गया। मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है। शायद कहने वालों के पास शब्द नहीं है।
परमार्थ निकेतन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (इमेज सोर्स-इंटरनेट)
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गांधी के लिए रामराज्य केवल धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था थी, जिसमें कोई भूखा न हो, कोई शोषित न हो और हर व्यक्ति को सम्मान, न्याय व अधिकार मिले। यह संकल्पना आज के युग में भी उतनी ही आवश्यक है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थी।
उन्होंने गंगा एक्शन परिवार, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस और स्वच्छता व जल संरक्षण अभियानों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और परमार्थ निकेतन की ओर से इस दिशा में किया जा रहा कार्य वास्तव में वैश्विक प्रेरणा है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा रामनाथ कोविंद का जीवन स्वयं एक प्रेरणा है। एक साधारण ग्रामीण परिवेश से निकलकर भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक की यात्रा अत्यंत सादगी, समर्पण और मूल्यों से युक्त है। भारतीयता केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक भाव है, जिसमें विविधता में एकता, संस्कृति में श्रद्धा और जीवन में सह-अस्तित्व की भावना रची बसी है।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था. वर्ष 2019 प्रयागराज कुंभ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनंदन और सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था.
परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने पुष्प वर्षा, शंख ध्वनि और वेदमंत्रों से उनका अभिनंदन किया। आश्रमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और रामनाथ कोविंद ने महात्मा गांधी के आदर्शों, भारतीय संस्कृति, मूल्यों और संस्कारों पर चर्चा की। स्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर कर मां गंगा के पावन तट पर अभिनंदन किया।