

चारधाम यात्रा पर राजस्थान से आए एक और श्रद्धालु की ऋषिकेश टांजिट कैंप में मौत हो गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ऋषिकेश में एक तीर्थयात्री की मौत
ऋषिकेश: राजस्थान के कोटा जिले से चारधाम यात्रा पर आए एक तीर्थयात्री की ऋषिकेश टांजिट कैंप में मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक श्रद्धालु की पहचान लातूर लाल (62) पुत्र भंवरलाल निवासी ग्राम किशनपुर नया गांव जिला कोटा राजस्थान के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार मृतक श्रद्धालु अन्य तीर्थयात्रियों के साथ कुर्सी पर बैठे थे। तभी अचानक वह कुर्सी से नीचे गिर गए। उनके साथ आए अन्य लोग उन्हें डिस्पेंसरी में ले गए। वहां से उन्हें जिला उप जिलाचिकित्सालय ऋषिकेश जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ऋषिकेश में मृतक के परिजन
एसडीएम ऋषिकेश योगेश मेहरा ने बताया कि शनिवार सुबह राजस्थान से चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का दल आया था। वे रजिस्ट्रेशन के लिए टांजिट कैंप ऋषिकेश आए हुए थे। इस दौरान यह हादसा हो गया।
पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या मौत का कारण हार्ट अटैक लग रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा 15 मौतें हुई हैं। कठिन यात्रा और कम तापमान के कारण यहां जानलेवा घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।
गौरतलब है कि हर वर्ष उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा से पहले एक हेल्थ एडवाइजरी जारी करता है, जिसमें तीर्थयात्रियों को विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। ऊंचाई, ठंडा मौसम और शारीरिक थकावट जैसे कारण श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा बन सकते हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इस बार भी यात्रा शुरू होने के बाद से मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
भीषण गर्मी और मौसम बिगड़ने के बाद भी तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। इस बीच हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु तीर्थ स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं लेकिन श्रद्धालुओं की जान जा जा रही है।
केदारनाथ के बाद यमुनोत्री और गंगोत्री में कुल 13 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि बद्रीनाथ धाम में 4 श्रद्धालुओं की जान गई है। इनमें से कुछ मौतें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण हुई हैं, जबकि 6 श्रद्धालुओं की जान हेलिकॉप्टर दुर्घटना में गई थी।