

हल्द्वानी नगर निगम ने शहरवासियों की सुविधा और पशु प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब पालतू कुत्तों के मालिकों को नगर निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि नगर निगम ने पालतू कुत्तों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल लॉन्च कर दिया है। मंगलवार को महापौर गजराज सिंह बिष्ट और नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने इस पोर्टल का उद्घाटन किया।
हल्द्वानी नगर निगम ने शुरू किया ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल
Haldwani: हल्द्वानी नगर निगम ने शहरवासियों की सुविधा और पशु प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब पालतू कुत्तों के मालिकों को नगर निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि नगर निगम ने पालतू कुत्तों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल लॉन्च कर दिया है। मंगलवार को महापौर गजराज सिंह बिष्ट और नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने इस पोर्टल का उद्घाटन किया।
महापौर ने बताया कि यह सेवा पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और सरल है, जिससे नागरिक घर बैठे ही अपने पालतू कुत्तों का पंजीकरण करा सकेंगे। इसके साथ ही, पहले से पंजीकृत कुत्तों का समय-समय पर नवीनीकरण भी अब ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। पंजीकरण की स्थिति देखने और प्रमाण पत्र डाउनलोड करने जैसी सुविधाएं भी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई हैं।
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह पंजीकरण सभी कुत्तों के लिए अनिवार्य है। 30 सितंबर 2025 तक जिन कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराया गया, उनके मालिकों पर ₹2000 का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम का उद्देश्य इस पहल के जरिए पालतू कुत्तों की सही पहचान, उनकी देखरेख और शहर में जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
पंजीकरण की प्रक्रिया को नागरिकों के लिए आसान बनाया गया है। इच्छुक कुत्ता मालिक https://haldwaninagarnigam.com/Pet-License लिंक पर जाकर आवश्यक विवरण भर सकते हैं। इसके लिए मालिक को कुत्ते की फोटो, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पहचान पत्र जैसी बुनियादी जानकारियाँ अपलोड करनी होंगी। भुगतान भी ऑनलाइन ही किया जा सकेगा।
नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने बताया कि कई बार बिना पंजीकरण के कुत्तों के कारण शहर में सार्वजनिक असुविधा और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस पंजीकरण से जहां एक ओर इन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर पालतू जानवरों से संबंधित आकस्मिक स्थितियों में प्रशासन के पास जरूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
नगर निगम की इस डिजिटल पहल की सराहना हो रही है, क्योंकि इससे आम लोगों को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि प्रशासन को भी शहरी पशु प्रबंधन में बेहतर नियंत्रण मिल सकेगा। यह पहल न सिर्फ तकनीकी रूप से आगे बढ़ने की दिशा में एक कदम है, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक व्यवस्था की ओर भी संकेत करती है।