

पिथौरागढ़ की स्थानीय संस्कृति, इतिहास और पर्यटन पर लगातार लेख और किताबें लिखने वाले इतिहासकार पद्मा दत्त पंत का उल्लेखनीय कार्यों के लिए नागरिक अभिनंदन किया गया।
पद्मा दत्त पंत का नागरिक अभिनंदन
पिथौरागढ़: जनपद के नगर निगम सभागार में रविवार को सोर घाटी के वरिष्ठ इतिहासकार और पूर्व शिक्षक पद्मा दत्त पंत (91) का भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर मेयर श्रीमती कल्पना देवलाल सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे और पंत जी के रचनात्मक योगदान पर सारगर्भित चर्चा की।
समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री बद्री दत्त कसनियाल ने कहा कि पंत जी पिछले लगभग 50 वर्षों से पिथौरागढ़ की स्थानीय संस्कृति, इतिहास और पर्यटन पर लगातार लेखन कर रहे हैं। उनकी किताबें स्थानीय इतिहास के लिए अमूल्य दस्तावेज हैं।
पिथौरागढ़: वरिष्ठ इतिहासकार पद्मा दत्त पंत का नागरिक अभिनंदन
➡️पिथौरागढ़ की स्थानीय संस्कृति, इतिहास और पर्यटन पर लिखी कई किताबें
➡️रचनात्मक योगदान पर सारगर्भित चर्चा की
➡️उनके प्रमुख लेखों और शोध कार्यों पर प्रकाश डाला#Pithoragarh #Civicfelicitation #PadmaDuttPant pic.twitter.com/seEkwYH9jK— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 11, 2025
पंत जी के शिष्य और इतिहासकार डॉ. दीप चंद्र चौधरी ने उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत बताते हुए उनके प्रमुख लेखों और शोध कार्यों पर प्रकाश डाला।
मानस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन एवं शिक्षाविद डॉ. अशोक कुमार पंत ने पंत जी का विस्तृत साक्षात्कार लिया, जिसमें पंत जी ने ब्रिटिशकाल के अपने बचपन की यादें साझा कीं।
उन्होंने बताया कि प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सेना से लौटे लोगों और जनता के सहयोग से कई विद्यालय खोले गए। लेखन की शुरुआत का श्रेय उन्होंने अपने साथी शिक्षक तारा चंद्र त्रिपाठी को दिया। उन्होंने पत्रकार बद्री दत्त कसनियाल के प्रोत्साहन को भी विशेष महत्व दिया।
उन्होंने 70-80 साल पुराने पिथौरागढ़ शहर के निर्माण में प्रबुद्ध जनों के योगदान को भावुकता से याद किया। क्रिएटिव उत्तराखंड की इस विशेष पहल के तहत 80 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे पुरोधाओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने समाज के लिए विलक्षण कार्य किए हैं।
बता दें कि अब तक कुल आठ विभूतियों को सम्मानित किया जा चुका है, और पिथौरागढ़ में यह नवम नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ।