हिंदी
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर परवादून में अधिवक्ताओं और न्यायिक कर्मचारियों ने पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए पैदल मार्च निकाला। इस दौरान युवाओं को स्वस्थ जीवन और पर्यावरण संरक्षण के लिए परंपरागत तरीकों को अपनाने की अपील की गई।
अधिवक्ताओं ने निकाला पर्यावरण जागरूकता पैदल मार्च
Dehradun: अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष में परवादून बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं न्यायिक कर्मचारियों और अधिकारियों ने नगर में पैदल मार्च निकाला। इस दौरान अधिवक्ताओं और अधिकारियों ने पर्यावरण प्रदूषण के प्रति सजग रहने और स्वयं के स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि पैदल मार्च कर अधिवक्ताओं ने नगर के लोगों को इस दिशा में जागरूक होने की अपील की।
मंगलवार की सुबह 9:45 बजे बार प्रांगण परिसर में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट विशाल वशिष्ठ के दिशा निर्देशन में अधिवक्ताओं ने नगर में पैदल मार्च किया न्यायाधीश विशाल वशिष्ठ ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। जिसको लेकर समूचा विश्व चिंतित है इसको दूर करने का सबसे सरल उपाय जागरूक होना है। यदि हम जागरूक होकर इस दिशा में काम करेंगे तो पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्वयं को स्वस्थ रखना जरूरी हो गया है।
अधिवक्ताओं ने निकाला पर्यावरण जागरूकता पैदल मार्च
परवादून बार एसोसिएशन के सचिव मनोहर सिंह सैनी ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि पर्यावरण संरक्षित रखने के लिए खासकर युवाओं को जागरूक किया जा रहा है और इसी दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ परंपरागत तरीके जैसे घूमना, बागवानी करना, तैराकी आदि के अलावा साइकिल चलाना जरूरी हो गया है क्योंकि इन्हीं सब परंपरागत कामों से हम स्वयं को स्वस्थ रखने में कामयाब हो सकते हैं। इस दौरान भारी संख्या में अधिवक्ता और न्यायालय के कर्मचारी मौजूद रहे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैदल मार्च के दौरान, बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं, न्यायालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया और नगरवासियों को पर्यावरण बचाने के लिए अपील की। मार्च ने यह संदेश दिया कि हमें मिलकर पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए और प्रदूषण को कम करने के लिए हर कदम उठाना चाहिए।
साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान कई युवा लोगों ने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और उन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझी। बताते चलें कि मार्च ने परवादून में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ यह भी दर्शाया कि युवा शक्ति के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।