

देहरादून में गुरुवार को एक दरोगा को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
देहरादून में एक लाख रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार (इमेज सोर्स- इंटरनेट)
देहरादून: जनपद की पुलिस व्यवस्था को उस वक्त गहरा झटका लगा जब विजिलेंस की टीम ने आईएसबीटी पुलिस चौकी के प्रभारी देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। आरोपित चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी को बृहस्पतिवार को विशेष न्यायालय विजिलेंस में पेश किया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित व्यक्ति और उसके साथी ने सतर्कता अधिष्ठान को शिकायत दी कि चौकी प्रभारी उनसे एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। पीड़ित पक्ष इस अवैध मांग के खिलाफ आवाज उठाते हुए आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा था।
आईएसबीटी दून चौकी प्रभारी रिश्वत लेते धरा (इमेज सोर्स- इंटरनेट)
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सतर्कता विभाग की देहरादून सेक्टर इकाई ने प्राथमिक जांच की, जिसमें आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। इसके बाद ट्रैप टीम का गठन कर नियमानुसार कार्रवाई की गई।
सूचना मिली कि चौकी इंचार्ज ने मुकदमा दर्ज करने व गैंगस्टर लगाने का भय दिखाया। ऐसा न करने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी।
बुधवार को ट्रैप टीम ने आईएसबीटी चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को रिश्वत की रकम लेते ही रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेसन ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। इस सफल कार्रवाई के लिए ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की भी घोषणा की गई है।
यह मामला राज्य में सरकारी महकमों में फैले भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को उजागर करता है।
सतर्कता अधिष्ठान ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वत की मांग करता है या उसके पास आय से अधिक संपत्ति पाई जाती है, तो वे बेझिझक होकर शिकायत दर्ज कराएं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 जारी किया गया है, जहां आमजन अपनी शिकायत गोपनीय रूप से दर्ज करवा सकते हैं।
बता दें कि मंगलवार को भी धनोल्टी तहसील के नाजिर विरेंद्र सिंह कैंतुरा को रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कैंतुरा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
यह कार्रवाई एक सशक्त संदेश है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और कानून सबके लिए एक समान है।