Heavy Rain in Uttarakhand: पहाड़ों में फंसी आस्था की राह! बारिश ने रोकी बद्रीनाथ-केदारनाथ यात्रा?

उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम खराब हो गया है। बीती रात से पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 28 June 2025, 11:44 AM IST
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उत्तराखंड: उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम खराब हो गया है। बीती रात से पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश और भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे कई जगहों पर बंद हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा पूरी तरह ठप हो गई है। हजारों तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, और प्रशासन राहत कार्य में लगा हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटर मार्ग कई जगहों पर मलबा और बोल्डर गिरने से बंद है। मुनकटिया के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण यह मार्ग पूरी तरह बंद है, जिसके कारण आज केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू नहीं हो सकी। पुलिस और एसडीआरएफ ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है और वैकल्पिक मार्गों से उनकी आवाजाही सुनिश्चित की जा रही है।

बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में अवरुद्ध

ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग देर रात से सिरोबगड़ में बंद है। भारी बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर सड़क पर आ गिरे, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। चमोली पुलिस के अनुसार सिरोबगड़, भनेरपानी और पीपलकोटी के पास हाईवे अवरुद्ध है और सड़क खोलने का काम जारी है। जोशीमठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में हजारों यात्री फंसे हुए हैं, जिन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हाईवे खोलने के लिए टीमें लगी हुई हैं

बारिश और भूस्खलन के बावजूद सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें मलबा हटाने में लगी हुई हैं। चमोली और रुद्रप्रयाग पुलिस ने यात्रियों से धैर्य रखने और खराब मौसम में यात्रा करने से बचने की अपील की है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

चारधाम यात्रा पर असर

मई के पहले सप्ताह से शुरू हुई चारधाम यात्रा बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुई है। पहले केदारनाथ में रोजाना 24-25 हजार तीर्थयात्री पहुंच रहे थे, लेकिन बारिश के कारण यह संख्या घटकर 16 हजार रह गई है। मानसून के कारण हेली सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने वाले तीर्थयात्री भी भूस्खलन वाले क्षेत्रों जैसे सिरोबगड़, पिनोला और पातालगंगा में फंस रहे हैं।

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