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हरिद्वार में राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर 100 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सीधी भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने पदोन्नति से प्रधानाचार्य पदों की नियुक्ति की मांग की, अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
हरिद्वार में शिक्षकों का धरना प्रदर्शन
Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार में शिक्षक-शिक्षिकाओं का गुस्सा फूट पड़ा। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिलेभर के 100 से अधिक राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों के शिक्षक-शिक्षिकाएं भारी संख्या में मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) कार्यालय पहुंचे और प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती प्रक्रिया के विरोध में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने सरकार की नीतियों को शिक्षक विरोधी बताते हुए जल्द से जल्द प्राचार्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने और पदों को केवल पदोन्नति से भरने की मांग की। शिक्षकों का कहना था कि वर्षों से पदोन्नति से वंचित शिक्षकों के साथ सरकार अन्याय कर रही है।
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राजकीय शिक्षक संघ हरिद्वार के जिला अध्यक्ष लोकेश चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि यदि सरकार ने सीधी भर्ती की प्रक्रिया को लागू किया तो इसका खामियाजा आने वाले समय में पूरे शिक्षा जगत को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार को तुरंत इस प्रक्रिया को वापस लेना चाहिए और योग्य शिक्षकों को प्रमोशन के आधार पर प्रधानाचार्य बनने का अवसर दिया जाना चाहिए।
पूर्व जिला अध्यक्ष हरेंद्र सैनी ने कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में शिक्षकों ने समाज और सरकार के लिए पूरी निष्ठा से काम किया था, लेकिन आज वही शिक्षक उपेक्षा और प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा।
जिला मंत्री विवेक सैनी ने कहा कि शिक्षक अब विवश होकर आंदोलन की राह पर उतर रहे हैं। यदि प्राचार्य भर्ती परीक्षा को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षक सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। वहीं जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार शर्मा ने कहा कि चुनावी ड्यूटी से लेकर विभागीय कार्यों तक शिक्षक हमेशा प्रशासन के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन अब उन्हें ठगा जा रहा है।
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धरने में जिलेभर से बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए जिनमें चंद्रपाल धीमान, सुखदेव सैनी, सदाशिव भास्कर, राजकुमार सैनी, ओमप्रकाश सोनकर, अर्चना चौधरी, अंजलि चौहान, प्रशांत बडोला, सत्येंद्र कुमार, पवन राना, यशपाल सिंह, संदीप सिंह, विपिन बंसल, आलोक चौधरी, शिवांगी राज सहित कई शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
धरना-प्रदर्शन के अंत में शिक्षकों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ने तुरंत निर्णय नहीं लिया तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा और सरकार को व्यापक विरोध का सामना करना पड़ेगा।