

हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने पेयजल विभाग पर जिला योजना के तहत भ्रामक और गुमराह करने वाली जानकारी देने का गंभीर आरोप लगाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रवि बहादुर ने पेयजल विभाग पर लगाया आरोप
हरिद्वार: जिले की ज्वालापुर सीट से विधायक रवि बहादुर ने पेयजल विभाग पर जिला योजना के तहत भ्रामक और गुमराह करने वाली जानकारी देने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई परियोजना रिपोर्ट न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि इससे जनप्रतिनिधियों को भ्रमित करने का भी प्रयास किया गया है। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधायक रवि बहादुर ने स्पष्ट रूप से कहा कि विभाग ने जिला योजना में 100 नए हैंडपंपों की स्थापना और 2500 पुराने हैंडपंपों के रखरखाव का कार्य 1 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से पूर्ण होने का दावा किया है। जबकि, जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल भिन्न है।
उन्होंने बताया कि न तो नए हैंडपंपों की संख्या पूरी हो पाई है और न ही रखरखाव का कार्य संतोषजनक ढंग से हुआ है। कई स्थानों पर वर्षों से खराब पड़े हैंडपंपों की मरम्मत नहीं हुई है, जिससे स्थानीय जनता को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है।
विधायक ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा आंकड़ों की हेराफेरी कर जिला योजना की बैठकों में झूठी प्रगति रिपोर्ट पेश की जा रही है, ताकि योजनाओं की मंजूरी आसानी से मिल सके। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी झूठी रिपोर्टिंग का उद्देश्य क्या है और क्या इसके पीछे किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार छिपा हुआ है?
उन्होंने कहा, "यह मामला केवल एक तकनीकी लापरवाही नहीं, बल्कि जनता के साथ धोखा है। यदि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो यह परिपाटी आगे भी चलती रहेगी और जनकल्याणकारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएंगी।"
रवि बहादुर ने पेयजल विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभाग जल्द ही इस मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं देता और पारदर्शिता नहीं बरतता, तो वे इस मामले को विधानसभा में उठाने के साथ-साथ जन आंदोलन का भी रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
जनता में भी इस खुलासे के बाद रोष देखा जा रहा है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई करेगी, जिससे जनसेवा की योजनाएं सही तरीके से धरातल पर उतर सकें।