

हरिद्वार जिले में नशीली दवाओं के अवैध प्रयोग और तस्करी को रोकने के लिए ड्रग्स कंट्रोल विभाग और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने संयुक्त अभियान चलाकर सख्त कदम उठाए। पढ़ें पूरी खबर
Haridwar News: हरिद्वार जिले में नशीली दवाओं के अवैध प्रयोग और तस्करी को रोकने के लिए ड्रग्स कंट्रोल विभाग और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने संयुक्त अभियान चलाकर सख्त कदम उठाए। इस कड़ी में शुक्रवार को सिडकुल क्षेत्र स्थित जेपी कंपनी का औचक निरीक्षण किया गया। इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस बल भी मौजूद रहा।
क्या है पूरी खबर
वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि यह छापेमारी अभियान उन सभी कंपनियों पर केंद्रित है, जो नारकोटिक्स श्रेणी की दवाइयों का उत्पादन या सप्लाई करती हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य इन कंपनियों के लाइसेंस, स्टॉक और वितरण व्यवस्था की गहन जांच करना है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तुरंत रोक लगाई जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी कंपनी के रिकॉर्ड या बिलिंग में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वितरण प्रणाली की गहन पड़ताल
निरीक्षण के दौरान टीम ने कंपनी परिसर का विस्तृत सर्वेक्षण किया। स्टॉक रजिस्टर, लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज और सप्लाई से संबंधित सभी रिकार्ड की बारीकी से जांच की गई। नारकोटिक दवाओं की बिलिंग और वितरण प्रणाली की गहन पड़ताल करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि सप्लाई केवल अधिकृत पार्टियों को ही की जा रही है और सभी लेनदेन का सही तरीके से लेखा-जोखा रखा जा रहा है।
मॉनिटरिंग जारी रखने का आश्वासन
अभियान में ड्रग्स इंस्पेक्टर मेधा हरीश, विजय सिंह, सुनील सिंह, राज्यवर्धन, सत्येंद्र चौधरी और मीनाक्षी सहित कई अधिकारी शामिल रहे। प्रारंभिक जांच में कंपनी के रिकॉर्ड और व्यवस्थाएं नियमों के अनुरूप पाई गईं, लेकिन टीम ने आगे भी लगातार मॉनिटरिंग जारी रखने का आश्वासन दिया।
नशीली दवाओं के अवैध व्यापार
इस अभियान को जिले में नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर नकेल कसने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की नियमित और सख्त जांच न केवल कंपनियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी बल्कि आम जनता को भी सुरक्षित और नियंत्रित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगी।
प्रशासन नशीली दवाओं की तस्करी
हरिद्वार में चल रहा यह विशेष अभियान संदेश देता है कि प्रशासन नशीली दवाओं की तस्करी और अवैध लेनदेन को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा। ड्रग्स कंट्रोल विभाग और एएनटीएफ की यह संयुक्त पहल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ समाज को नशे के दुष्चक्र से बचाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है।