

कालू सिद्ध मंदिर क्षेत्र की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों में से एक रहा है।सड़क चौड़ीकरण योजना के अंतर्गत इस मंदिर का स्थान परिवर्तन किया गया। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर
हल्द्वानी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के तहत शनिवार को हल्द्वानी स्थित प्रसिद्ध कालू सिद्ध मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर नवनिर्मित मंदिर में छत्र चढ़ाया और उत्तराखंड की सुख-समृद्धि व जनकल्याण की कामना की।
ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों में से एक
गौरतलब है कि कालू सिद्ध मंदिर क्षेत्र की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों में से एक रहा है। सड़क चौड़ीकरण योजना के अंतर्गत इस मंदिर का स्थान परिवर्तन किया गया था। सरकार द्वारा श्रद्धालुओं की आस्था और परंपरा को ध्यान में रखते हुए मंदिर के पुनर्निर्माण की दिशा में त्वरित कार्यवाही की गई। नवीन स्थल पर मंदिर के निर्माण कार्य को पूर्ण कर आज विधि-विधान से उसकी प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न कराई गई।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, इस अवसर पर मंदिर परिसर में भव्य धार्मिक आयोजन का माहौल रहा। मंत्रोच्चारण, भजन-कीर्तन और हवन यज्ञ की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया और पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह आयोजन न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक एकता का प्रतीक भी बना।
आस्था और धार्मिक परंपराओं को सर्वोपरि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार जनता की आस्था और धार्मिक परंपराओं को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, और यहां के मंदिरों, तीर्थ स्थलों व धार्मिक परंपराओं को सहेजना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्माण कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों, कारीगरों और स्थानीय श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया जिन्होंने इतने अल्प समय में भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग किया।
साधु-संत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु
जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, साधु-संत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हो सके। प्रसिद्ध कालू सिद्ध मंदिर की यह प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक क्षण बन गई, जो श्रद्धा, संस्कृति और सरकार के सहयोग का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है।
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