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नैनीताल के सातताल क्षेत्र में जन्मदिन पार्टी में फायरिंग की झूठी सूचना डायल 112 पर दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस को कोई घटना नहीं मिली। जांच में कॉल फर्जी निकली, जिसके बाद भीमताल के अमित सिंह सूर्या को हिरासत में लेकर चालानी कार्रवाई की गई।
112 कॉल से मचा अफरा-तफरी (सोर्स- गूगल)
Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल में आपातकालीन नंबर डायल 112 का दुरुपयोग करने का ताज़ा मामला सामने आया है। सातताल क्षेत्र में जन्मदिन की पार्टी के दौरान फायरिंग और एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना मिली। सूचना गंभीर थी, इसलिए चीता पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। रात देर तक पुलिस ने इलाके में तलाशी की, लेकिन वहां न तो कोई घायल मिला और न ही फायरिंग या मारपीट का कोई सबूत हाथ लगा।
स्थानीय लोगों और पार्टी में मौजूद युवकों से पूछताछ में पता चला कि जन्मदिन समारोह के दौरान कुछ युवकों के बीच मामूली कहासुनी जरूर हुई थी, लेकिन फायरिंग या गंभीर झगड़े जैसी कोई घटना नहीं हुई। पुलिस को जल्द ही एहसास हो गया कि डायल 112 पर की गई कॉल झूठी थी और इसे जानबूझकर आपातकालीन सेवा को भ्रमित करने के इरादे से किया गया था।
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नैनीताल पुलिस (सोर्स- गूगल)
जांच के आधार पर पुलिस ने कॉल करने वाले युवक की पहचान भीमताल निवासी अमित सिंह सूर्या के रूप में की। टीम ने उसे मौके से ही हिरासत में ले लिया। पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि उसने गुस्से और मज़ाक के चलते गलत सूचना दी थी। उसने पुलिस को लिखित माफीनामा सौंपा, जिसके बाद पुलिस एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई की गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने हाल ही में सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिए थे कि सोशल मीडिया और आपातकालीन नंबरों पर झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। यह मामला उन्हीं निर्देशों के तहत की गई कार्रवाई का पहला बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।
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पुलिस ने जनता से अपील की है कि डायल 112 जैसी सेवाओं का उद्देश्य केवल आपात स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करना है। झूठी सूचना से न केवल पुलिस संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों की सहायता में भी देरी हो सकती है। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई से कोई भी नहीं बच पाएगा। नैनीताल पुलिस की यह पहल एक बार फिर याद दिलाती है कि आपातकालीन सेवा से खिलवाड़ करना अपराध है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।