

उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा के प्रभावितों की सहायता के लिए विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही हैं। इसी क्रम में सोमवार को स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये का योगदान दिया। विश्वविद्यालय का यह सहयोग विशेष रूप से उत्तरकाशी जिले के थराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए दिया गया है।
आपदा राहत में हिमालयन यूनिवर्सिटी का बड़ा योगदान
Dehradun: उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा के प्रभावितों की सहायता के लिए विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही हैं। इसी क्रम में सोमवार को स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये का योगदान दिया। विश्वविद्यालय का यह सहयोग विशेष रूप से उत्तरकाशी जिले के थराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर यह चेक सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में संस्थाओं का सहयोग न केवल राहत कार्यों को गति देता है, बल्कि यह समाज में सेवा और मानवीय संवेदनाओं की मिसाल भी पेश करता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आपदाओं की मार झेलने वाला राज्य है, और हर बार यहां के लोग और संस्थाएं मिलकर राहत कार्यों में योगदान देते हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी सुविधाओं की बहाली और आजीविका के साधनों को पुनः स्थापित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों ने कहा कि विश्वविद्यालय सदैव समाजसेवा और मानवीय कार्यों के लिए तत्पर रहता है। आपदा जैसी परिस्थितियों में पीड़ितों की मदद करना संस्थान का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और स्टाफ सदस्य राहत सामग्री एकत्रित करने, चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने और अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि राज्य की अन्य संस्थाएं भी इस तरह के प्रेरणादायक कदम उठाकर आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास न केवल तत्कालिक राहत प्रदान करते हैं, बल्कि लंबे समय तक प्रभावित क्षेत्रों में जीवन को सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
BMC Election 2025: समाजवादी पार्टी का बड़ा ऐलान, अकेले लड़ेगी 150 सीटों पर; जानें सबकुछ
इस योगदान के साथ ही स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि शिक्षा संस्थान केवल ज्ञान का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने में भी अग्रणी हो सकते हैं। आपदा के समय यह आर्थिक सहयोग प्रभावित परिवारों के जीवन में उम्मीद और सहारा लेकर आएगा।