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CM Dhami: धामी सरकार का नया प्लान: बद्रीनाथ से देहरादून तक बदलने वाली है ये सारी चीजें

उत्तराखंड सरकार की अहम कैबिनेट बैठक बुधवार को राजधानी देहरादून के सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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CM Dhami: धामी सरकार का नया प्लान: बद्रीनाथ से देहरादून तक बदलने वाली है ये सारी चीजें

हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार की अहम कैबिनेट बैठक बुधवार को राजधानी देहरादून के सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में सहकारिता, पशुपालन, डेयरी और पर्यटन विभाग से जुड़े कई बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी।

क्यों हुए ये फैसले?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  इन निर्णयों का मकसद राज्य के ग्रामीण विकास, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाना है। विशेषकर डेयरी और सहकारिता क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया। साथ ही धार्मिक स्थलों को और आकर्षक बनाकर पर्यटन को नई दिशा देने का प्रयास किया गया है।

 गंगा गाय योजना को मिली मंजूरी

अब तक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 90% सब्सिडी पर चल रही ‘गाय योजना’ को ‘गंगा गाय योजना’ में विलय कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि अब सामान्य वर्ग के लोग भी इस योजना के दायरे में आ जाएंगे। हालांकि सामान्य वर्ग के लिए सब्सिडी की दर पर फैसला अगली कैबिनेट बैठक में होगा।

 बदरीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बदरीनाथ धाम की दीवारों को धार्मिक और सांस्कृतिक चित्रों से सजाया जाएगा। यही योजना देहरादून के आईएसबीटी की दीवारों पर भी लागू की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक पवित्र वातावरण का अनुभव हो सके।

सहकारिता ऑडिट सिस्टम में सुधार

ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक सहकारिता विभाग के ऑडिट सिस्टम को मजबूत करने के लिए उप निबंधक (ऑडिट) का नया पद बनाया गया है। यह पद लेवल-11 का होगा और आगामी पांच वर्षों तक प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा।

पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती में तेजी

पशुपालन विभाग में लंबे समय से खाली पड़े 429 पदों को भरने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब इन पदों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है, जिससे भर्ती प्रक्रिया तेज हो सके।

कैसे होगा फायदा?

इन फैसलों से जहां रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, वहीं ग्रामीण क्षेत्र की आय में भी वृद्धि हो सकती है। धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण राज्य की पहचान को और सशक्त करेगा। साथ ही, पारदर्शी ऑडिट प्रणाली से सहकारी संस्थानों में जवाबदेही बढ़ेगी। इन सभी निर्णयों को विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।

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