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उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों में कई स्थानों पर बादल फटने से जनहानि, पशुहानि और व्यापक भौतिक नुकसान की खबर है। कई लोग मलबे में दबे हैं, कई लापता हैं और स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही
Dehradun: उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने अपना प्रकोप दिखाया है। राज्य के रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश और मलबे की चपेट में आकर कई लोगों के लापता होने और घरों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं। प्रशासन अलर्ट पर है और राहत कार्य जारी हैं।
रुद्रप्रयाग जिले के टेंडवाल गांव में गुरुवार रात बादल फटने से भारी मलबा गिरा। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 18 से 20 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। गांव में तबाही का आलम है और खोजबीन के लिए एसडीआरएफ और प्रशासनिक टीमें जुटी हुई हैं। वहीं, रुद्रप्रयाग के ही जखोली ब्लॉक के छेनागाड़ और बांगर इलाकों में भी अतिवृष्टि के कारण कई घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा है। यहां भी भारी वर्षा के कारण सड़कें ध्वस्त हो गईं और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है।
उत्तराखंड में फिर बिगड़ेगा मौसम, अगले दो दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, बाढ़ का भी खतरा बरकरार
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में गुरुवार देर रात बादल फटने से तबाही मच गई। जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, गांव के निवासी तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं। वहीं विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए हैं। उनके घर और गोशाला मलबे में दब गए हैं, जिससे करीब 20 मवेशी भी मारे गए हैं। इस घटना के बाद देवाल तहसील के सभी संपर्क मार्गों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। चमोली जिले के सभी ब्लॉकों में शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही
कर्णप्रयाग क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से कालेश्वर इलाके में पहाड़ी से भारी मलबा घरों में घुस गया। प्रशासन ने तत्काल जेसीबी लगाकर मलबा हटाने की कोशिश की। पुलिस भी राहत कार्य में मौजूद रही। अलकनंदा और पिंडर नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कर्णप्रयाग के सुभाषनगर क्षेत्र में सड़कों पर मलबा और बोल्डर गिरने से यातायात ठप हो गया है।
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टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी रात में बादल फटने की घटना हुई है। हालांकि, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि इस क्षेत्र में कोई जनहानि नहीं हुई है। लेकिन कृषि भूमि, विद्युत और पेयजल लाइनों को नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है। कई पैदल पुल और रास्ते टूट गए हैं, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है।
उत्तराखंड के इन पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से स्थिति गंभीर बनी हुई है। आपदा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध होने से राहत पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।