हिंदी
केदारनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
केदारनाथ धाम (सोर्स- रिपोर्टर)
देहरादून: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख, हिमालय की गोद में स्थित भगवान शिव की पावन नगरी श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस पावन अवसर पर केदारपुरी ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों से गूंज उठी। मंदिर परिसर और आसपास का समस्त वातावरण भक्तिमय और दिव्य आभा से सराबोर हो गया।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, सुबह 7 बजे के शुभ समय पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोले गए। कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर देश-विदेश से आए दस हजार से भी अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहे और उन्होंने भोलेनाथ के दर्शन किए। इस दौरान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मंदिर में मौजूद रहे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनज़र प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चारों ओर सुरक्षा बल तैनात हैं, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और पूरी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।
बताया जा रहा है कि पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चार और श्रद्धालुओं के जयकारे के बीच, कपाट खोले गए और इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी कराई गई।
छह माह के लिए खुला रहेगा दरबार
बता दें कि हर वर्ष की भांति इस बार भी गर्मियों के छह महीने तक केदारनाथ धाम के कपाट खुले रहेंगे। इस दौरान लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन हेतु केदारपुरी पहुंचते हैं। शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भगवान की पूजा उखीमठ में की जाती है।
कपाट खुलने से पहले हुए धार्मिक अनुष्ठान
जानकारी के अनुसार, कपाट खुलने से पूर्व देर रात से ही केदारनाथ धाम में धार्मिक अनुष्ठान आरंभ हो गए थे। मुख्य पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजन किया गया। बाबा केदार की पंचमुखी डोली रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ से यात्रा करते हुए मंदिर परिसर तक पहुंची, जहां भक्तों ने फूलों की वर्षा और भजन-कीर्तन से स्वागत किया।
कपाट खुलते ही भक्तों की आंखें श्रद्धा और आस्था से भर आईं। चारों ओर वातावरण शिवमय हो गया। मंदिर परिसर में दीपों की रोशनी और घंटियों की मधुर ध्वनि से समस्त धाम अद्भुत हो गया।