

उत्तरकाशी जिले में हर्षिल-थराली आपदा को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिला पुलिस ने फेसबुक पेज “पहाड़ी UK 10, UKI” पर आपदा से जुड़ी असत्य पोस्ट डालने के मामले में अज्ञात यूजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
थाना कोतवाली
Uttarkashi: उत्तरकाशी जिले में धराली आपदा को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिला पुलिस ने फेसबुक पेज “पहाड़ी UK 10, UKI” पर आपदा से जुड़ी असत्य पोस्ट डालने के मामले में अज्ञात यूजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उक्त पेज पर “उत्तरकाशी आपदा में 700 लोगों की भावपूर्ण श्रद्धांजलि” शीर्षक से एक भ्रामक और आधारहीन पोस्ट साझा की गई थी, जिसमें आपदा में मृतकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह जानकारी पूरी तरह असत्य है और इसका उद्देश्य अफवाह फैलाना और जनता में भय पैदा करना है।
कोतवाली उत्तरकाशी में इस मामले में धारा 353(1) भारतीय न्याय संहिता (BNS) और धारा 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने साइबर टीम की मदद से संबंधित यूजर की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करने की बात कही है।
उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने इस संदर्भ में जनता से अपील की है कि किसी भी तरह की सूचना पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता अधिकृत स्रोतों से अवश्य जांच लें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहे हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है और लोगों में अनावश्यक दहशत फैल सकती है।
एसपी डोभाल ने चेतावनी दी कि अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगातार निगरानी रख रहा है ताकि किसी भी प्रकार की गलत सूचना को समय रहते रोका जा सके।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे आपदा से जुड़ी जानकारी के लिए केवल सरकारी विज्ञप्तियों, जिला प्रशासन के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट और विश्वसनीय समाचार माध्यमों पर ही भरोसा करें। इसके साथ ही, किसी भी संदिग्ध या भ्रामक पोस्ट की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि अफवाहों पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सके।
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की अफवाहें राहत और पुनर्वास कार्य में लगी टीमों का मनोबल तोड़ने का काम करती हैं। इसलिए, ऐसी हर गतिविधि को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
इस कड़े रुख के साथ प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आपदा की स्थिति में झूठ फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जनता के बीच केवल सत्य और प्रमाणिक जानकारी ही पहुंचाई जाएगी।