

मृतक की पहचान सुमित के रूप में हुई है। सुमित छत्तीसगढ़ के जैजैपुर गांव का निवासी था और नोएडा में रहकर मेहनत-मजदूरी कर रहा था। घटना दोपहर के समय की है। जब वह खाना खाने के बाद दोबारा काम पर लौटा और संतुलन बिगड़ने के कारण छठीं मंजिल से नीचे गिर गया।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Noida News: सेक्टर-131 स्थित जेपी विशटाउन सोसायटी में शुक्रवार को रात को एक दर्दनाक हादसा हो गया। जिसकी वजह से बिल्डर और उससे जुड़े लोग सवालों में घिर गए हैं। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, निर्माणाधीन टावर में काम कर रहा 20 वर्षीय श्रमिक छठीं मंजिल से गिर गया। मौके पर मौजूद श्रमिकों ने आनन-फानन में घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पैर फिसलने से हुआ हादसा
मृतक की पहचान सुमित के रूप में हुई है। सुमित छत्तीसगढ़ के जैजैपुर गांव का निवासी था और नोएडा में रहकर मेहनत-मजदूरी कर रहा था। शुक्रवार को वह जेपी विशटाउन के निर्माणाधीन केवीए टावर-15 में कार्यरत था। घटना दोपहर के समय की है। जब वह खाना खाने के बाद दोबारा काम पर लौटा और संतुलन बिगड़ने के कारण छठीं मंजिल से नीचे गिर गया।
अस्पताल में मौत, मौके पर पहुंची पुलिस
घटना के बाद अन्य श्रमिक और लोग मौके पर दौड़े और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सेक्टर-126 थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल सुमित को नजदीकी अस्पताल ले गई, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मृतक के स्वजन को सूचना दी।
कोई शिकायत नहीं, जांच जारी
पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। एसीपी नोएडा प्रवीन कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह एक दुर्घटनावश मौत प्रतीत होती है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया और आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए गए हैं।
स्वजन से तहरीर मिलने पर होगी कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि यदि मृतक के परिजन कोई तहरीर या शिकायत देते हैं तो उसकी आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर निर्माण स्थलों पर सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कंपनियों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। श्रमिकों को सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट और सुरक्षा प्रशिक्षण जैसे मूलभूत संसाधन उपलब्ध न होने के कारण इस तरह की घटनाएं आए दिन घट रही हैं।