कानपुर में यमुना खतरे के पार: घाटमपुर के कई गांवों में बाढ़ का कहर, आश्रय स्थल बना खानापूर्ति

कानपुर के घाटमपुर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे गढ़ाथा, महुआपुर और अमीरतेपुर गांवों के करीब 2000 घरों में पानी घुस गया है। ग्रामीण घर छोड़कर मंदिरों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं, जबकि प्रशासन द्वारा बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थलों में कोई सुविधा नहीं दिखी। बचाव कार्य के लिए सिर्फ एक स्टीमर तैनात है, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 2 August 2025, 11:34 AM IST
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Kanpur News: कानपुर के घाटमपुर तहसील में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर पहुंच गया है। इसके चलते गढ़ाथा, महुआपुर और अमीरतेपुर जैसे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 2000 घरों में पानी भर चुका है और ग्रामीण घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या मंदिरों में शरण ले रहे हैं। प्रशासन की ओर से बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थल पर व्यवस्थाओं का अभाव और कर्मचारियों की गैरमौजूदगी देखी गई है।

गढ़ाथा गांव में बाढ़ की भयावह तस्वीर

घाटमपुर से करीब 55 किमी दूर गढ़ाथा गांव की मुख्य सड़क तक यमुना का पानी भरा है। पानी का स्तर इतना बढ़ चुका था कि लोग अपने घरों से सामान निकालकर मंदिर, स्कूल या सड़कों के किनारे ठिकाना बना रहे थे। श्री कृष्ण मंदिर में शरण लिए बैठी महिलाएं खुद खाना बनाती नज़र आईं।

ग्रामीण बोले- कोई सुनने वाला नहीं

मंदिर में शरण लिए बैठी सावित्री देवी ने बताया, “साहब, हर बार यही होता है। बाढ़ आती है, हम भागते हैं और कोई मदद नहीं करता। आश्रय स्थल के बारे में किसी ने हमें बताया तक नहीं। वहां कोई सुनने वाला नहीं है।” उनके साथ पांच और परिवार भी मंदिर में रह रहे थे।

बाढ़ आश्रय स्थल में पसरा सन्नाटा

गढ़ाथा से करीब 2 किमी दूर बनाए गए नत्थू सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल को बाढ़ आश्रय स्थल घोषित किया गया है। लेकिन शाम चार बजे वहां न कोई कर्मचारी मिला, न ही कोई व्यवस्थाएं दिखीं। बाहर कुछ पीएसी के जवान ट्रक में बैठे नजर आए, लेकिन बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई मदद नहीं मिल रही थी।

2000 घर प्रभावित, लाखों का नुकसान

यमुना के जलस्तर में भारी बढ़ोत्तरी के चलते गढ़ाथा, महुआपुर और अमीरतेपुर गांवों के लगभग 2000 घरों में पानी घुस चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि वे जो सामान निकाल पाए, वही बचा। बाकी सब पानी में डूब गया। लोगों का कहना है कि इस बाढ़ से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

सिर्फ एक स्टीमर से हो रहा बचाव कार्य

प्रशासन की ओर से केवल एक स्टीमर ही चलाया जा रहा है, जिसमें पीएसी के चार जवान मौजूद हैं। यह स्टीमर एक बार में तीन से चार लोगों को ही ले जा पा रहा है, जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। केवल एक नाविक के भरोसे पूरा गांव आने-जाने को मजबूर है।

SDM का दावा- हालात पर नजर

घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने दावा किया कि लगातार मुनादी कराकर लोगों को आश्रय स्थलों में रुकने को कहा जा रहा है। उनका कहना है कि महिलाओं और बच्चों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। “तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और हम हर स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।”

प्रशासन की सुस्त तैयारी सवालों के घेरे में

हालात को देखते हुए साफ है कि प्रशासन की ओर से बाढ़ से निपटने की तैयारी अधूरी और लापरवाह दिख रही है। न तो आश्रय स्थल पर जरूरी इंतजाम हैं, न ही बचाव कार्य तेज़ी से हो रहा है।

Location : 
  • Kanpur

Published : 
  • 2 August 2025, 11:34 AM IST