

बुलंदशहर में लोगों को तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
डॉक्टरों ने तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया
बुलंदशहर: राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर देशभर में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में बुलंदशहर में भी एक विशेष सेमिनार और सांस्कृतिक गतिविधियों के ज़रिए लोगों को तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में सीएमओ समेत कई स्वास्थ्य कर्मी और नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बुलंदशहर में राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. सुनील कुमार दोहरे ने तंबाकू सेवन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों पर प्रकाश डाला और लोगों से इस बुरी आदत से दूर रहने की अपील की। सीएमओ ने बताया कि तंबाकू से हर वर्ष लाखों लोगों की जान जाती है और यह कैंसर, हृदय रोग, और सांस की बीमारियों का एक मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि ऐसे जागरूकता अभियानों का उद्देश्य समाज को तंबाकू मुक्त बनाना है। तंबाकू न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि समाज और परिवार पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है। हमारी कोशिश है कि युवाओं को विशेष रूप से इस विषय में जागरूक किया जाए ताकि वे शुरुआत से ही तंबाकू से दूर रहें। इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने वॉल पेंटिंग और पोस्टर के माध्यम से भी तंबाकू के दुष्प्रभावों को दर्शाया। इन रचनात्मक गतिविधियों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और एक गहरी सामाजिक संदेश दिया है।
छात्रों ने रंगों और चित्रों के माध्यम से यह दिखाया कि किस तरह तंबाकू धीरे-धीरे जीवन को निगलता है और कैसे इससे बचा जा सकता है। तंबाकू के खिलाफ इस तरह के प्रयास समाज को स्वस्थ दिशा में ले जाते हैं। ज़रूरत है कि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे और न केवल स्वयं तंबाकू से बचे, बल्कि दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करे।
क्यों बनाते है विश्व तंबाकू निषेध दिवस
विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में इस वैश्विक पहल का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह वैश्विक स्तर पर तंबाकू की खपत को कम करने के लिए व्यापक उपायों को भी बढ़ावा देता है। यह दिन व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को तंबाकू मुक्त दुनिया की दिशा में कदम उठाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।