

विश्व पर्यावरण दिवस पर डीडीयू मंडल ने अनूठी पहल करते हुए डीआरएम के नेतृत्व में 40 पेड़ लगाए और जागरूकता अभियान भी चलाया। पढे़ं पूरी खबर
विश्व पर्यावरण दिवस पर डीडीयू मंडल की पहल
चंदौली: पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक पहल की। बुधवार को आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंडल रेल प्रबंधक (DRM) उदय सिंह मीना के नेतृत्व में रोजा कॉलोनी पार्क में 40 पौधों का रोपण किया गया। इसके साथ ही स्कूली बच्चों द्वारा निकाली गई प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक और पुरस्कार वितरण जैसे आयोजनों ने पूरे कार्यक्रम को जन-जागरूकता अभियान का रूप दे दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम की शुरुआत सुबह रोजा कॉलोनी पार्क में पौधरोपण से हुई, जहां डीआरएम उदय सिंह मीना ने अन्य अधिकारियों और रेलकर्मियों के साथ मिलकर विभिन्न छायादार और फलदार पौधे लगाए। उन्होंने कहा, प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण देने के लिए पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
इसके बाद स्कूली बच्चों की एक प्रभात फेरी निकाली गई जो डीआरएम कार्यालय से होते हुए डीडीयू जंक्शन तक पहुंची। बच्चों ने हाथों में पर्यावरण से जुड़े स्लोगन की तख्तियां लेकर लोगों को जागरूक किया। प्रभात फेरी में छात्रों के साथ शिक्षक, अभिभावक और रेलकर्मी भी शामिल रहे।
बच्चों की फेरी से जागा शहर
डीडीयू जंक्शन पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया, जिसमें कलाकारों ने प्लास्टिक प्रदूषण, जल संरक्षण, वनों की कटाई और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों को जीवंत अभिनय के जरिए प्रस्तुत किया। नाटक ने यात्रियों और आम लोगों पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
नाटक से जागरूकता देते कलाकार
इस अवसर पर मंडल के वरिष्ठ अधिकारी जैसे अपर मंडल रेल प्रबंधक दिलीप कुमार, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर नितिन कुमार, मंडल यांत्रिक इंजीनियर बिराज कुमार और वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक राहुल राज भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने पर्यावरण सरंक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कर्मचारियों से अपने-अपने कार्यस्थलों पर हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने की अपील की।
कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण संरक्षण में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों और संगठनों को पुरस्कार भी वितरित किए गए। डीडीयू मंडल द्वारा किए गए इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय रेल सिर्फ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का ही कार्य नहीं करती, बल्कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।