

गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित गोला तहसील मुख्यालय की जनता लंबे समय से गोला से कौड़ीराम होते हुए गोरखपुर तक इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने की मांग कर रही है, लेकिन उनकी यह पुकार शासन-प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच रही। क्षेत्रीय जनता का आक्रोश अब चरम पर है, और उन्होंने इस महत्वपूर्ण मार्ग पर तत्काल बस सेवा शुरू करने की मांग तेज कर दी है।
इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने की मांग
Gorakhpur: गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित गोला तहसील मुख्यालय की जनता लंबे समय से गोला से कौड़ीराम होते हुए गोरखपुर तक इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने की मांग कर रही है, लेकिन उनकी यह पुकार शासन-प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच रही। क्षेत्रीय जनता का आक्रोश अब चरम पर है, और उन्होंने इस महत्वपूर्ण मार्ग पर तत्काल बस सेवा शुरू करने की मांग तेज कर दी है।
लगभग 52 किलोमीटर के गोला-गोरखपुर मार्ग में कौड़ीराम एक प्रमुख पड़ाव है। वर्तमान में कौड़ीराम से गोरखपुर तक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, लेकिन गोला से कौड़ीराम के बीच 22 किलोमीटर का मार्ग परिवहन सुविधा से पूरी तरह वंचित है। नतीजतन, स्थानीय लोग निजी वाहनों पर निर्भर हैं, जो प्रति सवारी 100 रुपये तक वसूलते हैं। यह मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए भारी आर्थिक बोझ है। सरकारी बसों का संचालन अनियमित और अपर्याप्त है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि बार-बार मांग उठाने के बावजूद जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। गोला, एक तहसील मुख्यालय होने के साथ-साथ आदर्श नगर पंचायत, ब्लॉक मुख्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और कई शैक्षिक संस्थानों का केंद्र है। इसके बावजूद इस मार्ग की उपेक्षा को जनता "घोर अन्याय" मान रही है।
किफायती यात्रा: इलेक्ट्रिक बसों का किराया निजी वाहनों की तुलना में कम है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। हाल ही में गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बसों का किराया घटाकर 10-20 रुपये प्रति यात्रा किया गया है। पर्यावरण संरक्षण:इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषण मुक्त हैं, जो पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं। बेहतर कनेक्टिविटी: गोला-कौड़ीराम-गोरखपुर रूट पर नियमित बस सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों का शहर से संपर्क मजबूत होगा।
वर्तमान स्थिति: कौड़ीराम से महेसरा (गोरखपुर) तक इलेक्ट्रिक बस सेवा 2022 से संचालित है। गोरखपुर में 25 इलेक्ट्रिक बसें पहले से चल रही हैं, और 25 और बसें जल्द शामिल होने वाली हैं।
योजना: गोरखपुर से कई नए रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें शुरू की गई हैं, लेकिन गोला-कौड़ीराम रूट पर कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही।
चुनौतियां: नए रूटों के लिए सर्वे और समय-सारिणी तय करने में देरी प्रमुख बाधा है। जनता की मांग, प्रशासन की चुप्पी स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि गोला से कौड़ीराम वाया गोरखपुर इलेक्ट्रिक बस सेवा तुरंत शुरू की जाए। उनका कहना है कि यह न केवल उनकी यात्रा को सस्ता और सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगा। प्रश्न यह है कि क्या प्रशासन अब भी चुप रहेगा, या जनता की इस जायज मांग को पूरा करेगा?
गोला की जनता अब और इंतजार के मूड में नहीं है। शासन से उनकी स्पष्ट मांग है: "हमें हमारा हक दो, इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करो!" अब देखना यह है कि क्या योगी सरकार इस उपेक्षित रूट पर आधुनिक परिवहन सुविधा शुरू कर जनता को राहत देगी, या यह मांग सिर्फ कागजी आश्वासनों तक सीमित रह जाएगी।