डीएम ने किया सस्पेंड तो अफसर ने खाया जहर, अब हो गई मौत, जानिए पूरा मामला

एक लेखपाल ने जहर खा लिया। अब उसकी मौत हो गई तो डीएम साहब ने जांच के आदेश दे दिए, लेकिन जहर भी डीएम के द्वारा सस्पेंड किए जाने पर ही खाया था। अब जानिए क्या है पूरा मामला

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 10 July 2025, 2:31 PM IST
google-preferred

Hapur News: हापुड़ जिले में एक सनसनीखेज घटना हुई। तहसील के सस्पेंड लेखपाल सुभाष मीणा ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह घटना उस समय सामने आई, जब वह तीन जून को हुई डीएम की जन चौपाल के दौरान विवादास्पद स्थिति में थे। घटना के पीछे मुख्य कारण यह था कि कुछ दिन पहले ही ग्राम पंचायत डहाना के एक किसान भूपेंद्र ने आरोप लगाया था कि लेखपाल और उनके सहायक रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इस आरोप के बाद से ही लेखपाल सुभाष मीणा पर कार्रवाई की गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, तीन जून को धौलाना तहसील के डहाना गांव में एक जन चौपाल का आयोजन किया गया था, जिसमें किसान भूपेंद्र ने आरोप लगाया कि सुभाष मीणा और उनके सहायक खसरा-खतौनी की नकल निकालने के नाम पर रिश्वत मांग रहे हैं। इस शिकायत पर तत्काल प्रभाव से डीएम अभिषेक पांडेय ने सुभाष मीणा को निलंबित कर दिया। इसके बाद परिजनों और समर्थकों में आक्रोश फैल गया।

परिजनों ने क्या कहा?

परिजनों ने बताया कि शिकायतकर्ता भूपेंद्र ने सुभाष मीणा से 5 लाख रुपये की मांग की थी। जिससे वह शिकायत वापस ले सके, लेकिन सुभाष ने इस प्रलोभन को अस्वीकार कर दिया। इस विवाद के चलते ही सुभाष तनाव में आ गए और बुधवार को वह धौलाना तहसील पहुंचे। वहां उन्होंने जहर खा लिया। शुरुआती इलाज के लिए उन्हें तहसील में ही प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर साथी कर्मचारियों ने उन्हें गाजियाबाद के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया।

पीड़ित ने ही आरोपी से मांगे 5 लाख रुपये

गुरुवार को इलाज के दौरान सुभाष मीणा की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही फैली, तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। उनके परिजनों का आरोप है कि भूपेंद्र ने उनकी शिकायत वापस लेने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया तो उससे मानसिक उत्पीड़न और दबाव बढ़ गया। परिजनों का दावा है कि मानसिक तनाव के कारण ही सुभाष ने आत्मघाती कदम उठाया।

लेखपालों में आक्रोश

सुभाष मीणा की मौत के बाद लेखपाल संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया। गुरुवार को उनके समर्थकों और संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। उन्होंने नारेबाजी कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने निष्पक्ष जांच की भी मांग की है।

डीएम अभिषेक पांडेय ने क्या कहा?

वहीं, डीएम अभिषेक पांडेय ने गुरुवार सुबह अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि, “हमने रिश्वत की शिकायत के आधार पर नियम अनुसार सुभाष मीणा को निलंबित किया था। जो कुछ भी हुआ, वह अत्यंत दुखद है। मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।”

Location : 
  • Hapur

Published : 
  • 10 July 2025, 2:31 PM IST