

वाराणसी के लंका क्षेत्र में दबंगों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हेरोइन कारोबार की शिकायत पर परिवार को निशाना बनाया गया, वीडियो वायरल होने के बाद भी कार्रवाई अधूरी।
लंका क्षेत्र में अशोक यादव गैंग का आतंक
Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लंका थानाक्षेत्र अंतर्गत शिवाजी नगर कॉलोनी में खुलेआम गुंडई और दबंगई का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित महिला और उसका परिवार इस कदर डरा हुआ है कि उन्होंने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई है। आरोप है कि क्षेत्र में चल रहे हेरोइन के काले कारोबार की शिकायत करने पर पूरे परिवार को जान से मारने की साजिश रची गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता ने लंका थाने में तहरीर देकर बताया कि उसका बेटा राहुल नामक व्यक्ति के बुलावे पर गया था। वहां पहले से दर्जनों लोग मुंह पर गमछा बांधे और हाथ में असलहा लिए खड़े थे। जैसे ही उसका बेटा वहां पहुंचा, इन लोगों ने हमला कर दिया और उसे अधमरा कर दिया। शोर-शराबा सुनकर पीड़िता, उसकी बेटी और कुछ स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे तो पहले से मौजूद राहुल, भानु, अशोक यादव और उनके साथियों ने लाठी, डंडा और असलहों से हमला कर दिया, जिससे सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
पीड़िता का आरोप है कि यह पूरा गिरोह कुख्यात अपराधी अशोक यादव के इशारे पर काम करता है, जो लंका थाने का इनामी और हिस्ट्रीशीटर है। अशोक यादव पहले भी जेल के अंदर रहते हुए रंगदारी की घटनाओं में शामिल रहा है। एक कपड़ा व्यवसायी से जेल के अंदर से ही रंगदारी मांगने पर उसका ट्रांसफर भी किया गया था। वर्तमान में अशोक यादव पर जिले में करीब दो दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
पीड़ित परिवार ने लगाई सीएम से गुहार
स्थानीय लोगों का कहना है कि अशोक यादव का पूरा गैंग क्षेत्र में खुलेआम हथियार लहराता है और चेहरा ढककर दिनदहाड़े दहशत फैलाता है। हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर आरोपों और वीडियो सबूतों के बावजूद पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस पर भी इस गैंग का दबाव बना हुआ है।
पीड़िता की माँ का कहना है, हमने सिर्फ इतना किया कि गलत काम की शिकायत की, पर अब हमारे घर से निकलने में भी डर लगता है। वहीं पीड़ित युवक का कहना है, उन्होंने मुझे मरा समझकर छोड़ दिया, मेरी गलती सिर्फ इतनी थी कि मैंने नशे के कारोबार की शिकायत की थी। पीड़ित की माँ का कहना है कि, हमें हर पल डर है कि कहीं ये लोग दोबारा हमला न कर दें। पीड़ित ने कहा कि, उन्होंने मुझे जान से मारने की कोशिश की, बस इसलिए कि मैं सच बोल रहा था।
वहीं एक स्थानीय महिला शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि, यहाँ कानून का डर खत्म हो गया है, आम लोग बेहद डरे हुए हैं।
हालांकि, अब देखना यह है कि सीएम के संज्ञान में आने के बाद क्या कार्रवाई होती है, और क्या पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल पाएगा।