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वाराणसी में एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 245 प्रतिबंधित तोते और 12 राष्ट्रीय पक्षी मोर बरामद किए गए। आरोपी प्रयागराज और कौशाम्बी से पक्षी खरीदकर पश्चिम बंगाल ले जा रहे थे।
UP STF की बड़ी कामयाबी
Varanasi: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने वन्यजीवों की अवैध तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। वाराणसी में शुक्रवार की रात एसटीएफ टीम ने अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय वन्यजीव तस्करी गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। तस्करों के पास से 245 प्रतिबंधित तोते और 12 राष्ट्रीय पक्षी मोर बरामद किए गए। बरामद पक्षियों के साथ एक इनोवा वाहन, मोबाइल फोन, पिंजरे और नकदी भी जब्त की गई है।
एसटीएफ को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के बीच वन्यजीवों की तस्करी का नेटवर्क सक्रिय है। इसी कड़ी में 7 नवंबर की रात करीब 9:55 बजे एसटीएफ को मुखबिर से जानकारी मिली कि प्रयागराज और कौशाम्बी से लाए गए प्रतिबंधित पक्षियों को इनोवा कार (संख्या UP70FR0489) में भरकर वाराणसी के रास्ते आसनसोल (पश्चिम बंगाल) ले जाया जा रहा है।
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सूचना पर निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में गठित एसटीएफ टीम ने वन विभाग (वाराणसी) और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (गोरखपुर) की संयुक्त टीम के साथ रखौना चौराहा (थाना राजा तालाब) पर घेराबंदी की। जांच में वाहन से 245 तोते और 12 मोर मिले, जिनकी तस्करी के लिए आरोपी जा रहे थे।
पूछताछ में मुख्य आरोपी वसीम उर्फ अरमान ने खुलासा किया कि वे इन पक्षियों को कौशाम्बी निवासी एक व्यक्ति पंकज से खरीदते थे। उसने बताया कि एक मोर 500 रुपये और तोते 100 से 200 रुपये में खरीदे जाते थे, जिन्हें आसनसोल या कोलकाता में छोटे व्यापारियों को 400 से 500 रुपये प्रति तोता और 2,500 से 3,000 रुपये प्रति मोर में बेच दिया जाता था। यह गिरोह कई बार इस तरह की तस्करी कर चुका है। इस अवैध काम में आयूब उसका प्रमुख सहयोगी बताया गया है।
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एसटीएफ ने गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) की धाराओं 2, 9, 11, 39, 48बी, 49बी, 50, 51 और भारतीय वन अधिनियम (1927) की धारा 57 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय था। पूर्वी उत्तर प्रदेश से संरक्षित जीवों को पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम तक सप्लाई करता था।
एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई वन्यजीवों की अवैध तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता है और ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान जारी रहेगा। बरामद सभी पक्षियों को वन विभाग की देखरेख में सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है।