

नौतनवा कस्बे में इन दिनों जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी ख़बर
नौतनवा में जाम का झाम
महराजगंज: नेपाल सीमा से सटे नौतनवा कस्बे में इन दिनों जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। खासकर गांधी चौक, अस्पताल चौराहा, घंटाघर और ठूठीबारी रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर दिनभर ट्रैफिक जाम बना रहता है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले यात्रियों को भी इस जाम से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सबसे बड़ी समस्या यह है कि ट्रैफिक को नियंत्रित करने वाला कोई मजबूत और प्रभावी तंत्र नजर नहीं आता। डग्गामार वाहन, ऑटो, ई-रिक्शा और ठेले-खोमचे वाले बिना किसी नियम-कायदे के सड़कों पर खड़े रहते हैं। गांधी चौक पर तो हालात इतने खराब हो जाते हैं कि दोपहर बाद से रात तक सैकड़ों वाहन जाम में फंसे रहते हैं। दुकानदारों और आम नागरिकों को घंटों इसी झाम से होकर गुजरना पड़ता है।
डग्गामार वाहन बने मुसीबत
डग्गामार वाहन चालक सार्वजनिक स्थानों पर मनमर्जी से वाहन खड़ा कर देते हैं। यात्री बैठाने और उतारने के लिए ये सड़क के बीचों-बीच रुकते हैं, जिससे अन्य वाहनों की आवाजाही प्रभावित होती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन वाहनों पर किसी प्रकार की रोक या नियंत्रण नहीं है। पुलिसकर्मी या ट्रैफिक व्यवस्था देखने वाला कोई व्यक्ति मौके पर नज़र नहीं आता।
बाजार की स्थिति चिंताजनक
नौतनवा कस्बा नेपाल बॉर्डर से सटा हुआ एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग खरीदारी और आवागमन के लिए यहां आते हैं। लेकिन अव्यवस्थित पार्किंग, सड़क किनारे अतिक्रमण और ट्रैफिक नियंत्रण की कमी के चलते यह क्षेत्र अब परेशानी का केंद्र बन गया है। खासकर त्योहारों या सप्ताहांत के दिनों में हालात और बिगड़ जाते हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता
स्थानीय लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि नगर प्रशासन और पुलिस विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान दें। गांधी चौक जैसे संवेदनशील स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हो, डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई की जाए और ठेले-खोमचों को निर्धारित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
जनता की मांग-तत्काल समाधान हो
स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही जाम की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। नौतनवा जैसे व्यापारिक कस्बे में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है।