बिजनौर में तीन भाइयों की मौत, रक्षाबंधन की खुशियां मातम में बदली, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, जानें कैसे हुआ हादसा

हिमांशु और कशिश की कोई सगी बहन नहीं थी, लेकिन उनकी चचेरी बहनें सरिता और रूपा हर साल उन्हें राखी बांधती थीं। इस बार भी वे ससुराल से मायके आई थीं और रक्षाबंधन के मौके पर राखी बांधकर वापस लौटने ही वाली थीं कि यह हादसा हो गया। छतरपाल को भी उन्होंने राखी बांधी थी, लेकिन अब तीनों भाई राखी के कुछ घंटे बाद ही हमेशा के लिए दुनिया से रुखसत हो गए।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 August 2025, 4:56 PM IST
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Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शिवालाकलां थाना क्षेत्र के गांव सरकथल से रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जिसने एक ही परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। एक ही कुएं में उतरे तीन युवकों हिमांशु, कशिश और छतरपाल की दम घुटने से मौत हो गई। हादसा पंपिंग सेट सुधारते वक्त जहरीली गैस के रिसाव के कारण हुआ।

वर्ष 2012 में गंवाया एक बेटा, अब दो और बेटों ने छोड़ा साथ

गांव निवासी हरि सिंह बिजलीघर में संविदा पर काम करते हैं। वह पहले ही 2012 में अपने बड़े बेटे कपिल को बीमारी के चलते खो चुके थे। अब रक्षाबंधन के ठीक बाद के दिन दोनों छोटे बेटे हिमांशु (20) और कशिश (22) और भतीजे छतरपाल (26) की असामयिक मौत ने उन्हें पूरी तरह तोड़कर रख दिया। परिवार में रक्षाबंधन के मौके पर चल रही खुशियों की तैयारियां, अब सन्नाटे और चीख-पुकार में बदल चुकी हैं।

कैसे हुआ हादसा

रविवार सुबह लगभग 11 बजे गांव के पास स्थित ट्यूबवेल पर तीनों भाई हिमांशु, कशिश और छतरपाल नहाने गए थे। यह कुआं पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा था और उसमें पानी जमा हो चुका था। पंपिंग सेट का पट्टा उतर गया था, जिसे ठीक करने के लिए पहले छतरपाल कुएं में उतरा। कुएं में जहरीली गैस होने के कारण उसका दम घुट गया और वह पानी में गिर पड़ा। उसे बाहर नहीं आते देख पहले कशिश, फिर हिमांशु भी कुएं में उतर गए, लेकिन तीनों वही फंस गए और वापस नहीं लौट सके।

चेतन ने तीनों के शवों को बाहर निकाला

कुएं के पास ही खेत में काम कर रहे एक अन्य भाई चेतन ने जब तीनों को न देखकर शोर मचाया, तब गांव के लोग मौके पर पहुंचे। चेतन ने भीगा हुआ कपड़ा मुंह पर बांधकर जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरने की कोशिश की। फिर रस्सी से बांधकर तीनों के शवों को बाहर निकाला गया। छह फीट पानी से भरे कुएं से तीनों को निकालकर सीएचसी लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कशिश की डेढ़ महीने पहले हुई थी सगाई, हिमांशु कर रहा था पढ़ाई

कशिश दिल्ली में काम करता था और रक्षाबंधन पर घर आया था। उसकी शादी की डेट तय की जा चुकी थी और घर में पहले से तैयारियां शुरू थीं। हिमांशु गांव में रहकर खेती करता था और बीएससी की पढ़ाई भी कर रहा था। छतरपाल की चार साल पहले शादी हुई थी, लेकिन कोई संतान नहीं थी। उसके पिता धर्मवीर सिंह गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रह चुके हैं।

बहनों ने रक्षाबंधन पर राखी बांधी, लेकिन अब भाई हमेशा के लिए चले गए

हिमांशु और कशिश की कोई सगी बहन नहीं थी, लेकिन उनकी चचेरी बहनें सरिता और रूपा हर साल उन्हें राखी बांधती थीं। इस बार भी वे ससुराल से मायके आई थीं और रक्षाबंधन के मौके पर राखी बांधकर वापस लौटने ही वाली थीं कि यह हादसा हो गया। छतरपाल को भी उन्होंने राखी बांधी थी, लेकिन अब तीनों भाई राखी के कुछ घंटे बाद ही हमेशा के लिए दुनिया से रुखसत हो गए।

प्रशासन ने पहुंचकर किया आश्वासन

हादसे की सूचना मिलते ही चांदपुर के सीओ देशदीपक सिंह, थानाध्यक्ष राजीव शर्मा, और नूरपुर थाना प्रभारी जयभगवान सिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। तीनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

Location : 
  • Bijnor

Published : 
  • 11 August 2025, 4:56 PM IST