

मेरठ साउथ के बाद शताब्दी नगर स्टेशन आता है। इसलिए यह एक एलिवेटेड स्टेशन होगा। यह स्टेशन नमो भारत ट्रेनों और मेरठ मेट्रो दोनों के लिए सेवाएं प्रदान करेगा। शताब्दी नगर के बाद बेगमपुल स्टेशन आता है, जो इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा भूमिगत स्टेशन होगा
नमो भारत रेल
New Delhi/Meerut: जुलाई के अंत तक मेरठ साउथ और मोदीपुरम के बीच तीन नए "नमो भारत" स्टेशन जनता के लिए खोल दिए जाएंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इन नए स्टेशनों का उद्घाटन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (Regional Rapid Transit System) कॉरिडोर के पूरा होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ये स्टेशनों की शुरुआत दिल्ली से मेरठ तक यात्रा की गति को तेज करेगी और यात्रियों को और अधिक सुविधाएं प्रदान करेगी।
शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम में खुलेंगे नए स्टेशन
इन नए "नमो भारत" स्टेशनों में शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम शामिल हैं। इन स्टेशनों के चालू होने से 82 किलोमीटर लंबी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस लाइन का काम लगभग पूरा हो जाएगा। इन स्टेशनों के संचालन से दिल्ली से मेरठ तक की यात्रा की समयावधि को घटाकर केवल 45 मिनट किया जा सकेगा। इससे न केवल मेरठ बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी अत्यधिक लाभ होगा।
जंगपुरा में पार्किंग स्थल के रूप में कार्य करेगा स्टेशन
जंगपुरा में स्थित नमो भारत स्टेशन को पहले चरण में ट्रेनों के पार्किंग स्थल के रूप में काम करने के लिए तैयार किया गया है। यह स्टेशन तब तक पार्किंग की भूमिका निभाएगा जब तक कि सराय काले खां से आगे की लाइन का विस्तार कार्य नहीं शुरू हो जाता। इससे ट्रेन की सुचारू पार्किंग और संचालन में मदद मिलेगी।
शताब्दी नगर और बेगमपुल स्टेशन की खासियत
मेरठ साउथ के बाद शताब्दी नगर स्टेशन आता है। इसलिए यह एक एलिवेटेड स्टेशन होगा। यह स्टेशन नमो भारत ट्रेनों और मेरठ मेट्रो दोनों के लिए सेवाएं प्रदान करेगा। शताब्दी नगर के बाद बेगमपुल स्टेशन आता है, जो इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा भूमिगत स्टेशन होगा। यह स्टेशन मेरठ के बाजार क्षेत्र के बीच स्थित है, जिससे यात्रियों को बाजार क्षेत्र में आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलेगी।
मोदीपुरम स्टेशन में फुटओवर ब्रिज का निर्माण
मोदीपुरम स्थित अंतिम स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यहां के राजमार्ग पर पैदल यात्रियों के लिए एक फुटओवर ब्रिज भी बनाया गया है, जिससे यात्री आसानी से एक साइड से दूसरी साइड तक पहुंच सकें। इससे पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से स्टेशन तक पहुंच सकेंगे और यातायात में कोई रुकावट नहीं आएगी।
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रायल
हाल ही में सराय काले खां और मोदीपुरम के बीच एक ट्रायल रन भी किया गया था, जिसमें ट्रेनों ने 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा की। यह ट्रायल सफल रहा और इससे यह साफ हो गया कि आरआरटीएस कॉरिडोर के संचालन में कोई बड़ी तकनीकी समस्या नहीं आएगी। ट्रेनों की यह गति यात्रियों के लिए समय की बचत करेगी और यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाएगी।
आने वाले समय में नई उम्मीदे
आरआरटीएस कॉरिडोर के संचालन से दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के बीच यातायात के नए रास्ते खुलेंगे। इससे न केवल रोज़मर्रा के यात्री बल्कि व्यापारिक यातायात भी तेज़ी से होगा। यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी, क्योंकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करेंगे और निजी वाहनों की संख्या कम होगी।