

बांदा जनपद के ओंग थाना क्षेत्र के दुर्गागंज गांव में ससुरालियों द्वारा महिला उत्पीड़न का मामला सामने आया, जिसमें पीड़िता मैना देवी को शादी के बाद से लगातार गाली-गलौज, मारपीट और धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। न्याय की आस में भटक रही पीड़िता को आखिरकार गुलाबी गैंग लोकतांत्रिक के सहयोग से न्याय मिला।
गुलाबी गैंग के प्रयास से महिला को मिला न्याय
Fatehpur: बांदा जनपद के ओंग थाना क्षेत्र के दुर्गागंज गांव में ससुरालियों द्वारा महिला उत्पीड़न का मामला सामने आया, जिसमें पीड़िता मैना देवी को शादी के बाद से लगातार गाली-गलौज, मारपीट और धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। न्याय की आस में भटक रही पीड़िता को आखिरकार गुलाबी गैंग लोकतांत्रिक के सहयोग से न्याय मिला।
पीड़िता मैना देवी की शादी दुर्गागंज निवासी प्रदीप पुत्र रमेश कुमार से हुई थी। लेकिन शादी के बाद ही वह ससुरालियों के अत्याचारों का शिकार होने लगी। मैना के अनुसार, पति प्रदीप और देवर सचिन द्वारा आए दिन मारपीट, गालियाँ और जान से मारने की धमकियाँ दी जाती थीं। तंग आकर मैना देवी अपने मायके लौट आईं। इसके बाद भी ससुरालियों ने उन्हें धमकी दी कि अब वे उसे वापस नहीं रखेंगे।
मैना देवी और उसके माता-पिता कई महीनों से पुलिस और प्रशासन के चक्कर काट रहे थे लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अंततः उनकी गुहार गुलाबी गैंग लोकतांत्रिक की अध्यक्ष हेमलता पटेल तक पहुंची। संगठन ने मामले को गंभीरता से लिया और रविवार को पीड़िता को साथ लेकर ओंग थाने पहुंचीं।
थाना प्रभारी हनुमान प्रताप सिंह को जब पूरे मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए ससुराल पक्ष को थाने बुलाया। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद थाना प्रभारी ने पीड़िता की लिखित तहरीर ली और तत्काल समझौता कराने की पहल की। ससुरालियों को थाने में जमकर फटकार लगाई गई और लिखित चेतावनी पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए।
थाना परिसर में गुलाबी गैंग की सदस्याएं सरला सिंह, प्रीती देवी, रंजना, सुनीता, आमना, सुमन, विजमा, आदित्य आदि मौजूद रहे। थाना प्रभारी ने कहा कि यदि भविष्य में पीड़िता को फिर से प्रताड़ित किया गया तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीड़िता के ससुराल वालों ने भरोसा दिलाया कि अब वे ऐसा व्यवहार नहीं दोहराएंगे।
पीड़िता मैना देवी और उनके परिजनों ने गुलाबी गैंग लोकतांत्रिक और ओंग पुलिस का धन्यवाद जताया और कहा कि अगर समय पर संगठन और पुलिस का साथ न मिलता तो शायद उन्हें कभी न्याय न मिलता। थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो एफआईआर दर्ज कर जांच की जाएगी।
इस प्रकार, सामाजिक संगठन और पुलिस के संयुक्त प्रयास से एक पीड़ित महिला को न्याय मिला और एक परिवार को फिर से जोड़ने का प्रयास सफल हुआ।