औरैया में साप्ताहिक बंदी का फिर नहीं हुआ पालन, जिला अधिकारी के आदेश बेअसर

दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत लागू साप्ताहिक बंदी के नियम का एक बार फिर जनपद में खुला उल्लंघन देखने को मिला। निर्धारित बंदी दिवस पर शहर के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान धड़ल्ले से खुले रहे, जबकि जिला अधिकारी द्वारा हाल ही में श्रम प्रवर्तन अधिकारी को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए थे।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 21 December 2025, 8:25 PM IST

Auraiya: उत्तर प्रदेश दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत लागू साप्ताहिक बंदी के नियम का एक बार फिर जनपद में खुला उल्लंघन देखने को मिला। निर्धारित बंदी दिवस पर शहर के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान धड़ल्ले से खुले रहे, जबकि जिला अधिकारी द्वारा हाल ही में श्रम प्रवर्तन अधिकारी को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए थे।

जानकारी के अनुसार, औरैया में साप्ताहिक बंदी का दिन विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग निर्धारित है। जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की गई है। अभी कुछ समय पहले ही जिला अधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को आदेश जारी कर बंदी का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही थी कि व्यापारी नियम का पालन करेंगे और प्रशासन कार्रवाई करेगा।

औरैया में राजस्व टीम पर दबंगों का हमला, मकान में बंधक बनाकर पीटा, वीडियो वायरल

लेकिन बंदी दिवस पर शहर के मुख्य बाजारों, दिबियापुर, अछल्दा सहित अन्य क्षेत्रों में दुकानें सुबह से शाम तक खुली रहीं। ग्राहकों की भीड़ भी देखी गई। सबसे हैरानी की बात यह रही कि श्रम प्रवर्तन अधिकारी या उनकी टीम ने बंदी पालन कराने के लिए कोई दौरा नहीं किया। न तो चालान काटे गए और न ही किसी दुकान को सील करने की कार्रवाई हुई। इससे व्यापारियों में यह संदेश गया कि नियम केवल कागजों तक सीमित हैं।

व्यापारी संगठनों का कहना है कि साप्ताहिक बंदी से छोटे व्यापारियों को नुकसान होता है।

औरैया में राजस्व टीम को बंधक बनाकर पीटा, सरकारी दस्तावेज फाड़े, महकमे में मचा हड़कंप

स्थानीय नागरिकों का मानना है कि साप्ताहिक बंदी कर्मचारियों के हित में है, लेकिन इसका असमान पालन होने से छोटे दुकानदार प्रभावित होते हैं। एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "अगर सभी बंद करें तो हम भी मानेंगे, लेकिन जब ज्यादातर खुली रहती हैं तो मजबूरी में हमें भी खोलना पड़ता है।"

अब देखने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन इस बार क्या कार्रवाई करता है। यदि फिर से आदेश हवा-हवाई साबित हुए तो व्यापारियों का मनोबल और बढ़ेगा। श्रम विभाग के अधिकारी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

यह घटना एक बार फिर प्रशासनिक आदेशों के क्रियान्वयन पर सवाल उठाती है। उम्मीद है कि जल्द ही प्रभावी कदम उठाए जाएंगे ताकि कानून का सम्मान बना रहे।

Location : 
  • Auraiya

Published : 
  • 21 December 2025, 8:25 PM IST