दबंग संविदा कर्मी की करतूतें उजागर; सरकारी कर्मचारियों को धमकाना पड़ा महंगा, लोलेपुर उपकेंद्र पर हुआ तबादला

सुल्तानपुर में विद्युत विभाग का संविदा कर्मी पवन सिंह अनुशासनहीनता और धमकी के आरोपों में तबादले का सामना कर रहा है। यहां पढ़ें पूरी खबर

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 12 July 2025, 12:59 PM IST
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Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां विद्युत विभाग के शिकायत कक्ष पर तैनात संविदा कर्मी पवन कुमार सिंह उर्फ अर्जुन सिंह की दबंगई आखिरकार भारी पड़ गई। सरकारी कर्मचारियों को धमकाना, मारपीट करना और अनुशासनहीनता की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व में भी पवन कुमार सिंह के व्यवहार को देखते हुए उसका तबादला हलियापुर उपकेंद्र कर दिया गया था। लेकिन उसने विभाग के कुछ अधिकारियों की चापलूसी कर पुनः शिकायत कक्ष में तैनाती हासिल कर ली।

सरकारी कर्मचारियों को धमकाने लगा पवन कुमार
पूर्व अवर अभियंता के स्थानांतरण के बाद पवन कुमार सिंह ने फिर से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए और कई संविदा कर्मियों के साथ मारपीट कर डाली। सरकारी कर्मचारियों को भी धमकाने लगा। मामला विभागीय प्रबंधन तक पहुंचा, तो अधिकारियों ने सख्ती दिखाते हुए पवन कुमार सिंह का तत्काल तबादला लोलेपुर उपकेंद्र कर दिया।

तबादला रुकवाने की कोशिश कर रहा है पवन कुमार
सूत्रों की मानें तो पवन कुमार सिंह अब उच्च अधिकारियों की शरण में जाकर अपना तबादला रुकवाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही यह भी चर्चा है कि वह अवैध तरीके से फर्जी लाइनें चालू कराकर विभाग को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है।

मारपीट और धमकी की शिकायतों पर सख्त हुआ विभाग
पवन सिंह पर आरोप है कि उसने हाल ही में कई संविदा कर्मियों से मारपीट की और उन्हें विभाग से निकालने की धमकी तक दी। मामले ने तब तूल पकड़ा जब शिकायतें सीधे उच्चाधिकारियों तक पहुंच गईं। विभाग ने तत्परता दिखाते हुए उसका तबादला लोलेपुर उपकेंद्र कर दिया।

विद्युत महकमे की छवि पर उठ सकते हैं सवाल
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई न की गई, तो इससे विद्युत महकमे की छवि और कार्यप्रणाली दोनों पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

क्या होगा आगे?
अब देखना यह है कि विभागीय अधिकारी पवन कुमार सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हैं या नहीं। अगर सिर्फ तबादला कर ही मामला रफा-दफा किया गया, तो यह आने वाले समय में विभाग के लिए और भी गंभीर चुनौती बन सकता है।

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