बुलंदशहर में सरकारी नलों की बदहाली: ग्रामीणों को जल संकट, सिस्टम पर उठे सवाल

बुलंदशहर के काफी इलाकों में पानी का संकट बना हुआ है। जिसकी वजह से सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की खास रिपोर्ट

Updated : 1 May 2025, 11:00 AM IST
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बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के पहासू ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत अहमदगढ़ से जल संकट की एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। भीषण गर्मी में जहां लोगों को साफ पीने के पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहीं यहां दर्जनों सरकारी नल वर्षों से खराब पड़े हैं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, स्थिति इतनी गंभीर है कि कुछ नलों पर दुकानदारों ने सामान रखने की जगह बना ली है, तो कुछ पर लकड़ियों और कचरे का ढेर जमा है। यह स्थिति केवल जल संकट का संकेत नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत की घोर लापरवाही का प्रमाण है।

नल सूखे, जिम्मेदार मौन

अहमदगढ़ गांव में लगे सरकारी नल पिछले कई महीनों से या तो पूरी तरह से खराब हैं या उपयोग लायक नहीं बचे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जब गर्मी में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब अधिकारी कार्यालयों में आराम कर रहे हैं और जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

BDO की चुप्पी पर सवाल

गांव वालों का सबसे बड़ा आरोप पहासू ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (BDO) पर है। ग्रामीणों का कहना है कि BDO को हर ग्राम पंचायत की स्थिति की जानकारी होनी चाहिए और जहां समस्याएं हों, वहां तुरंत समाधान कराया जाना चाहिए। लेकिन यहां तस्वीर बिल्कुल उलटी है — BDO की ओर से न तो कोई निरीक्षण हुआ और न ही कोई कार्यवाही।

चौराहे का नल बना दुकान का गोदाम

सबसे चौंकाने वाला दृश्य अहमदगढ़ के मुख्य चौराहे पर देखा गया, जहां पर स्थापित सरकारी नल को एक स्थानीय दुकानदार ने अपने निजी सामान रखने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा सार्वजनिक सुविधा के लिए लगाए गए संसाधनों पर इस प्रकार का कब्जा प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।

“हर घर जल” योजना को चुनौती

सरकार द्वारा चलाए जा रहे “हर घर जल” और “जल जीवन मिशन” जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं इस गांव में मज़ाक बनकर रह गई हैं। योजनाएं कागजों में पूरी हो चुकी हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश भी बेअसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्मियों की शुरुआत से पहले ही जल, विद्युत और अन्य आवश्यक सेवाओं को सुधारने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके बुलंदशहर के अहमदगढ़ जैसे गांवों में स्थिति जस की तस बनी हुई है। ना तो नलों की मरम्मत हुई है और ना ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की गई है।

मलिन बस्तियों की हालत और भी खराब

अहमदगढ़ की मलिन बस्तियों में स्थिति और भी भयावह है। यहां भी अधिकांश सरकारी नल बंद पड़े हैं और नलों के आसपास गंदगी फैली है। महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय और श्रम दोनों बर्बाद हो रहे हैं।

क्या होगी कोई कार्रवाई?

अब सवाल यह उठता है कि क्या इन हालातों के बावजूद भी कोई प्रशासनिक कार्रवाई होगी? क्या BDO, ADO पंचायत, ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव से जवाब तलब किया जाएगा? या फिर ग्रामीणों को आने वाले महीनों तक ऐसे ही जल संकट झेलना पड़ेगा? बुलंदशहर का तापमान इन दिनों 40 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है और NCR क्षेत्र में गर्मी का असर अपेक्षाकृत ज्यादा रहता है। ऐसे में पानी जैसी बुनियादी सुविधा का न मिलना जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

Location : 
  • Bulandshahr, Bulandshahr DM, Bulandshahr News

Published : 
  • 1 May 2025, 11:00 AM IST

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