बाराबंकी में जिला कारागार का औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं की गहनता से की गई जांच

जिला कारागार में एक औचक निरीक्षण किया गया। इसमें कौन – कौन से लोग उपस्थित रहे जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 19 June 2025, 8:42 PM IST
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बाराबंकी: जिला कारागार में शुक्रवार को एक अहम और संवेदनशील पहल के तहत जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने पुलिस बल के साथ संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान सीजेएम आदरणीया सुधा सिंह भी उपस्थित रहीं। टीम ने कारागार की विभिन्न व्यवस्थाओं की गहनता से जांच की और बंदियों की समस्याओं को सुनते हुए जेल प्रशासन को कई आवश्यक निर्देश दिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता से मिली जानकारी के मुताबिक निरीक्षण का उद्देश्य जिला कारागार में सुरक्षा, स्वच्छता और बंदियों को मिल रही सुविधाओं की वस्तुस्थिति का आकलन करना था। अधिकारियों ने बैरकों, महिला बैरक, किशोर सदन (जहां 18 से 21 वर्ष की आयु के किशोर रखे जाते हैं), वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम और जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की बारीकी से जांच की। साथ ही साफ-सफाई, जल आपूर्ति, भोजन व्यवस्था और चिकित्सा सुविधाओं की भी समीक्षा की गई।

बंदियों से किया सीधे संवाद

निरीक्षण के दौरान जनपद न्यायाधीश और प्रशासनिक अधिकारियों ने बंदियों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। बंदियों ने अपनी विभिन्न समस्याएं जैसे कि कानूनी सहायता, परिवार से मुलाकात और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बात रखी। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी उचित शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन को दिया निर्देश

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी व्यवस्थाएं कारागार नियमावली और निर्धारित मानकों के अनुसार संचालित हों। उन्होंने यह भी कहा कि बंदियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और समय-समय पर उनकी आवश्यकताओं की समीक्षा की जाए।

व्यवस्था की सराहना

इस निरीक्षण के दौरान कारागार अधीक्षक कुंदन कुमार, जेलर जे. पी. तिवारी सहित अन्य जेल अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने कारागार में सुरक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए आवश्यक सुधारों को लेकर दिशा-निर्देश दिए। जिसका सख्ती से पालन करने का आदेश दिए।

मानवाधिकारों का सम्मान

संयुक्त निरीक्षण की इस प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि जिला कारागार में मानवाधिकारों का सम्मान हो और व्यवस्था पारदर्शी एवं अनुशासित बनी रहे। ऐसे औचक निरीक्षण प्रशासनिक निगरानी को मजबूत करने और बंदियों के हितों की रक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसकी सुरक्षा व्यवस्था का खास ख्याल रखना बेहद जरुरी है।

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