

ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में BDS छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने शारदा यूनिवर्सिटी और IIT खड़गपुर से छात्रों की आत्महत्याओं पर रिपोर्ट मांगी है और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे चिंताजनक बताया है। वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट को अमिकस क्यूरी नियुक्त कर विस्तृत जानकारी देने का निर्देश भी दिया गया है।
Jyoti Suicide Case
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की BDS छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए शारदा यूनिवर्सिटी और आईआईटी खड़गपुर से छात्रों की आत्महत्याओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की खंडपीठ ने शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा, "शिक्षा व्यवस्था में कुछ गड़बड़ है। यदि छात्र आत्महत्या जैसा चरम कदम उठा रहे हैं तो यह बेहद चिंताजनक है।"
सुप्रीम कोर्ट ने शारदा यूनिवर्सिटी से क्या सवाल पूछे?
शारदा यूनिवर्सिटी को पेश करनी होगी रिपोर्ट
इन सवालों के साथ कोर्ट ने शारदा यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वे आत्महत्या की परिस्थितियों, छात्रा के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं और यूनिवर्सिटी के आंतरिक तंत्र की जानकारी अगली सुनवाई तक प्रस्तुत करें।
वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट को नियुक्त किया गया अमिकस क्यूरी
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट को इस मामले में अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों की आत्महत्या के कारणों, यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारियों और कानूनी प्रावधानों पर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करें।