

मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने जनपद में सरकारी स्कूलों के मर्जर (एकीकरण) के फैसले पर गहरी चिंता जताते हुए जिलाधिकारी (DM) को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बच्चों और उनके अभिभावकों को बिना विश्वास में लिए किया गया है, जो शिक्षा के अधिकार और पारदर्शिता के खिलाफ है। सांसद ने डीएम से सात सवालों के स्पष्ट जवाब मांगते हुए इस पर पुनर्विचार की मांग की है।
अंजनी कुमार सिंह डीएम मैनपुरी
Mainpuri News: मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने जिले में चल रहे सरकारी विद्यालयों के मर्जर (पेयरिंग) के फैसले पर सवाल उठाते हुए डीएम को पत्र लिखा है। सांसद ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय हजारों बच्चों और उनके परिवारों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने इस नीति के तहत अभिभावकों से किसी प्रकार की लिखित सहमति या आपत्ति न लिए जाने को लेकर भी नाराज़गी जताई है।
डीएम कार्यालय ने कहा– जल्द मिलेगा जवाब
जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से बताया गया है कि सांसद के पत्र का संज्ञान लिया गया है और सभी सवालों के जवाब जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि मर्ज किए गए स्कूलों की सूची और शिक्षकों की तैनाती की जानकारी तैयार की जा रही है।
बिना सहमति के स्कूलों का मर्जर गलत
पत्र में सांसद डिंपल यादव ने सवाल उठाया कि जब स्कूलों के मर्जर से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है तो इस पर अभिभावकों की राय क्यों नहीं ली गई? उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अनदेखी करार दिया। सांसद ने साफ कहा कि स्कूलों का मर्जर करते समय न तो कोई सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया और न ही कोई स्थानीय स्तर पर बैठक कराई गई।
शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी उठाया सवाल
डिंपल यादव ने पत्र में यह जानना चाहा है कि जिन स्कूलों को मर्ज किया गया है, वहां तैनात शिक्षकों को अब किस विद्यालय में नियुक्त किया गया है? उन्होंने यह भी पूछा है कि इन शिक्षकों की पोस्टिंग किन मानकों के आधार पर की गई है और इससे शिक्षण व्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।
डीएम से मांगे 7 सवालों के जवाब
सांसद डिंपल यादव ने अपने पत्र में डीएम से सात अहम सवालों के जवाब मांगे हैं, जिनमें प्रमुख हैं।
1- इस आदेश से प्रभावित विद्यार्थियों का आय स्तर के आधार पर वर्गीकरण (निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग, उच्च आय वर्ग)।
2- जातिगत वर्गीकरण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के कितने विद्यार्थी प्रभावित होंगे, इसका स्पष्ट विवरण।
3- कुल प्रभावित बच्चों की संख्या तथा ग्रामवार और ब्लॉकवार सूची।
4- विद्यालय बंद होने के बाद वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था क्या प्रस्तावित की गई है, इसकी जानकारी।
5- क्या बच्चों के अभिभावकों से इस फैसले पर कोई लिखित सहमति या आपत्ति ली गई? यदि ली गई तो उन दस्तावेजों की प्रतियाँ प्रदान की जाए।
6- जिन विद्यालयों को मर्ज किया गया है, उनके शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों एवं अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को किस विद्यालय में नियुक्त किया गया है, इसकी सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
7- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में से कितने कर्मचारी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात किए गए हैं, उनकी भी सूची उपलब्ध कराई जाए।