

प्रॉपर्टी के लिए 3 बेटों ने पिता को तालिबानी सजा दी। अब किसी तरीके से पिता शैतान रूपी बेटों के चंगुल से बाहर निकले तो सीधे एसडीएम के पास पहुंचे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पीड़ित पिता
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरधना कस्बे से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। जिसमें एक बुजुर्ग पिता को उनके ही तीन बेटों ने तीन सालों तक घर में बंधक बनाकर रखा। मामला सरधना के आदर्श नगर का है, जहां पीड़ित बुजुर्ग नवीन गर्ग ने अब आज़ादी मिलने के बाद प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, नवीन गर्ग ने सरधना एसडीएम को दिए प्रार्थना-पत्र में बताया कि उनके तीनों बेटे उनकी संपत्ति हड़पने के लिए उन्हें घर में बंद करके रखते थे। बुजुर्ग का आरोप है कि बेटों ने उनकी दुकान और मकान जबरन अपने कब्जे में ले लिया। उन्हें भूखा-प्यासा और बिना दवाइयों के एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया।
बेटों पर हत्या की साजिश का आरोप
उन्होंने दावा किया कि तीनों बेटे न सिर्फ उन्हें बाहर निकलने नहीं देते थे, बल्कि उनकी हत्या की साजिश भी रच रहे थे। जिससे पूरी संपत्ति पर उनका एकाधिकार हो सके। नवीन ने बताया कि कई सालों तक उन्हें बाहर की दुनिया से पूरी तरह काट दिया गया था।
बच निकल कर पहुंचे एसडीएम कार्यालय
तीन साल बाद अचानक किस्मत ने करवट ली। जब एक दिन घर का मुख्य द्वार खुला मिला और घर में कोई मौजूद नहीं था, तब नवीन किसी तरह बचकर भागे और सीधे सरधना के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने भावुक होकर अपनी पूरी आपबीती सुनाई और अपने ही बेटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बुजुर्ग ने कहा- "बुढ़ापा सबसे बड़ा अभिशाप बन गया"
नवीन गर्ग ने रोते हुए कहा, “मैंने जीवनभर मेहनत कर पेट की एक दुकान चलाई। मकान बनाया और अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर कारोबार में खड़ा किया। सोचा था कि बुढ़ापे में वही बच्चे मेरा सहारा बनेंगे, लेकिन आज वही मेरे सबसे बड़े दुख का कारण बन गए। जब मुझे उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। तब उन्होंने मुझे अकेला, बेसहारा और कैद में छोड़ दिया।”
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
इस घटना पर एसडीएम ने तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने पुलिस और संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और यदि आरोप सही पाए जाएं तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। प्राथमिक जांच के लिए पुलिस टीम को बुजुर्ग के घर भेजा गया है, जहां तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।