Sonbhadra: सोनभद्र जनपद के पिपरी क्षेत्र में स्थित रिहंद बांध में इस वर्ष की रिकॉर्डतोड़ बारिश ने 24 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक क्षण ला दिया है। एशिया के विशालतम बांधों में गिने जाने वाले रिहंद बांध का फाटक इस बार जुलाई माह में ही खोलना पड़ा है, जो कि पिछले 24 वर्षों में पहली बार हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रविवार को दोपहर 11:15 बजे जल विद्युत उत्पादन निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने जानकारी दी कि बांध के सात नंबर गेट को 5 फीट तक खोलकर 4050 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। साथ ही चार टरबाइनों को भी सक्रिय कर दिया गया है, जिससे 12240 क्यूसेक पानी बहाया जा रहा है और विद्युत उत्पादन भी चल रहा है।
उन्होंने बताया कि आखिरी बार 2001 में जुलाई में बांध के गेट खोले गए थे, जब 25 जुलाई को अत्यधिक बारिश के कारण जलस्तर बढ़ा था। इस बार जुलाई की शुरुआत से ही रिहंद बांध के कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश हो रही है, जिससे जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है।
सोमवार की दोपहर बाद बढ़ा जलस्तर
वहीं रविवार सुबह बांध का जलस्तर 866.7 फीट दर्ज किया गया था। लेकिन रविवार की रात से ही जलस्तर बढ़कर 867.8 फीट पर स्थिर हो गया। सोमवार सुबह 10 बजे तक जलस्तर इसी स्तर पर रहा, लेकिन 11 बजे तक जलस्तर ने 868 फीट को पार कर लिया, जिससे प्रबंधन ने जल निकासी के लिए एक फाटक खोलने का निर्णय लिया।
विद्युत उत्पादन भी जोरों पर
शशिकांत राय ने बताया कि टरबाइनों से निकलने वाला पानी न केवल जलस्तर नियंत्रण में मदद कर रहा है, बल्कि विद्युत उत्पादन भी जोरों पर है। मौजूदा समय में चार टरबाइनों से लगातार विद्युत उत्पादन किया जा रहा है जिससे एनटीपीसी जैसी बड़ी परियोजनाओं को भी सपोर्ट मिल रहा है।
रिहंद बांध की यह स्थिति न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए सतर्कता का विषय है बल्कि इस क्षेत्र के किसानों और आस-पास के गांवों के लिए राहत और चिंता दोनों का कारण है। जहां एक ओर भरपूर बारिश से सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर जलभराव की आशंका भी बनी हुई है।
बांध प्रबंधन द्वारा सभी जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। आसपास के गांवों में चेतावनी जारी कर दी गई है ताकि किसी भी संभावित खतरे से समय रहते निपटा जा सके।