Sonbhadra News: बारूद का गोला खाने से गाय गंभीर रूप से घायल, जबड़ा हुआ क्षतिग्रस्त

यूपी के सोनभद्र जनपद से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है, जहां बारूद का गोला खाने से एक गाय की जान को खतरा हो गया है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 9 June 2025, 5:00 PM IST
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सोनभद्र: पिपरी थाना क्षेत्र के रेणुकूट नगर के जलजलिया खटाल क्षेत्र में रविवार को एक गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। गाय ने गलती से जंगली सूअर मारने के लिए रखा गया बारूद का गोला खा लिया, जिससे उसके मुंह में विस्फोट हो गया और उसका जबड़ा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना की जानकारी मिलते ही साथी फाउंडेशन की टीम मौके पर पहुंची और पुलिस को सूचना दी। संस्था की सैली बहोत्रा ने बताया कि घायल गाय को बेहतर इलाज के लिए मिर्जापुर के बरकछा पशु चिकित्सालय भेजने की कोशिश की गई, लेकिन पशु मालिक इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बाद में चौकी से आए उपनिरीक्षक रविशंकर पाठक की मौजूदगी में एक समझौता पत्र तैयार कराया गया, जिसमें पशु मालिक मुकेश यादव ने रोजाना गाय का इलाज कराने और स्थिति गंभीर होने पर उसे बाहर इलाज के लिए भेजने की सहमति दी। यह भी तय हुआ कि इलाज के बावजूद यदि गाय की मृत्यु हो जाती है, तो उसका पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य होगा।

बारूद का गोला खाने से गाय गंभीर

मुकेश यादव ने बताया कि घटना उस समय हुई जब उसकी गाय घर के पास चर रही थी और गलती से उसने सूअर मारने के लिए रखा गया विस्फोटक पदार्थ खा लिया। इस घटना से क्षेत्र में आक्रोश है और लोग खुले में बारूद रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जंगली सूअर जैसे जानवरों से निपटने के लिए क्या यह तरीका उचित है?

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि जंगली सूअर जैसे जानवरों से निपटने के लिए क्या यह तरीका उचित है? क्या इस तरह के खतरनाक उपायों से जानवरों के जीवन को खतरे में डालना सही है? स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसे कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

दूसरी घटना

ऐसी ही एक घटना बीते साल जिले के म्योरपुर थाना क्षेत्र के जटखैर नाले के पास स्थित जंगल में बारूद का गोला खाकर दो गायों की मौत हो गई थी। म्योरपुर निवासी श्रीप्रकाश यादव की दो गाय चरने के लिए जटखैर नाला के पास स्थित जंगल में गई हुई थी। चरवाहा गंगाराम उन्हें लेकर जंगल में गया था कि गाय चरते-चरते बारूद का गोला निगल गई। इस दौरान उनके चेहरे के चिथड़े उड़ गए थे।

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