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नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। कई जगहों पर AQI 400 पार हो गया है, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। सर्दी और धुंध बढ़ने के कारण प्रदूषण में सुधार के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे।
NCR में स्मॉग की वापसी
Noida/Ghaziabad: दिल्ली-NCR में प्रदूषण लगातार अपना असर दिखा रहा है। सप्ताह की शुरुआत में जहां AQI में मामूली गिरावट ने लोगों को राहत दी थी, वहीं सोमवार दोपहर के बाद एक बार फिर हवा गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई। एक दिन पहले तक 300 के नीचे पहुंच रहे AQI ने अब दोबारा ऊपर की ओर छलांग लगा दी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी है और कई स्थानों का AQI 400 के पार चला गया है।
गाजियाबाद का लोनी इलाका आज फिर से प्रदेश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बन गया है। मंगलवार सुबह 6 बजे यहां AQI 415 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह हवा न सिर्फ आँखों और फेफड़ों के लिए हानिकारक है बल्कि अस्थमा, हृदय और वृद्ध मरीजों के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है।
• इंदिरापुरम- AQI 343
• संजय नगर- AQI 305
इन सभी आंकड़ों से साफ है कि गाजियाबाद लगातार देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में जगह बनाए हुए है।
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नोएडा का प्रदूषण भी मंगलवार को एक बार फिर ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।
• सेक्टर-125- AQI 378
• सेक्टर-116- AQI 391
• सेक्टर-1- AQI 360
इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं। कई स्कूलों ने बच्चों को मास्क पहनने की सलाह जारी की है।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में मंगलवार सुबह AQI 398 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर के बेहद नजदीक’ है। इतना खराब AQI आईटी पार्क, कॉलेज और हॉस्टल एरिया में रहने वाले हजारों छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर रहा है।
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नोएडा-गाजियाबाद ही नहीं, पश्चिमी UP के अन्य शहरों की हवा भी लगातार खराब होती जा रही है।
• हापुड़- AQI 344
• मेरठ (पल्लवपुरम)- AQI 317
• मुजफ्फरनगर- AQI 301
• बुलंदशहर- AQI 285
ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि NCR से सटे पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर सर्दी और स्मॉग का दबाव बढ़ रहा है। ‘बेहद खराब’ श्रेणी की हवा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है और विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों के लिए अधिक जहरीली होती है।
मौसम विभाग के अनुसार, सर्दी बढ़ने के कारण वातावरण में मौजूद धूल और धुएं के कण ऊपर नहीं जा पाते। कम तापमान और हवाओं की कम गति धुआं, PM2.5 और PM10 को जमीन के पास रोक लेती है। इससे हवा में जहरीले तत्वों की सांद्रता बढ़ जाती है और AQI तेजी से ऊपर पहुंच जाता है। मौसम विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा, जिसके चलते प्रदूषण में सुधार की संभावना फिलहाल कम है।
नवंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदूषण में कमी ने लोगों को थोड़ी राहत दी थी। कई स्थानों का AQI 300 से नीचे आ गया था। लेकिन यह राहत लंबे समय तक टिक नहीं पाई। ठंडी हवाओं के थमने और धुंध बढ़ने के साथ ही प्रदूषण वापस अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ‘गंभीर’ श्रेणी की हवा लंबे समय तक रहने पर अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
• सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
• N95 मास्क का उपयोग करें
• छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर में रखें
• एयर प्यूरीफायर का उपयोग बढ़ाएं
• घर के अंदर पौधे और वेंटिलेशन बढ़ाएं